अंडरपास का कार्य समय पर पूरा करवाने के हिसाब से साल 2022 में काम करवा चुकी थी। परन्तु रेलवे की ओर से कुछ तकनीकी मामला आने से कार्य नहीं हो पाया। जनता जान जोखिम में डालकर रेल पटरियों को पार करती है। कई बार ट्रेन की चपेट में आने के हादसे भी हो जाते हैं।
बीकानेर. लालगढ़ रेलवे स्टेशन से बीकानेर जंक्शन के बीच बसे हजारों लोग रेल पटरी को पार करने की परेशानी झेल रहे हैं। इस हिस्से में रेलवे लाइन पर महज दो आरओबी हैं। इनमें एक जैसलमेर हाइवे पर होने से दिन भर भारी वाहनों की आवाजाही रहती है। दूसरा चौखुंटी रेलवे ओवरब्रिज पुराने शहर के ट्रैफिक का भार ही मुश्किल से झेल पा रहा है। इस परेशानी से निजात दिलाने के लिए लालगढ़ के पास एक रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) स्वीकृत किया गया, लेकिन वह भी पांच साल से ज्यादा समय से अधरझूल में है।
दो रेलवे अंडरब्रिज (आरयूबी) स्वीकृत किए, जो ढाई साल में भी बनकर तैयार नहीं हुए।भारी वाहनों और किसानों को परेशानीरेल पटरी पार करने वाले लोगों और वाहनों की तादाद देखते हुए कम से कम चार आरओबी और तीन आरयूबी की जरूरत महसूस हो रही है। ऐसे में करीब छह साल पहले लालगढ़ रेलवे स्टेशन के पास एक आरओबी स्वीकृत किया गया। इससे श्रीगंगानगर मार्ग से सीधा पूगल मार्ग जुड़ जाता। अनाज मंडी में कृषि जिंस लाने वाले किसानों को बड़ी राहत मिलती। परन्तु निर्माण एजेंसी और ठेकेदारों के जाल में ऐसा उलझा कि आज तक बनकर तैयार नहीं हुआ।
करीब ढाई साल पहले जैसलमेर रोड एमएस कॉलेज रेलवे ओवरब्रिज के दोनों तरफ एक-एक आरयूबी स्वीकृत किए गए। यह आज तक नहीं बने। ऐसे में जनता जान जोखिम में डालकर रेल पटरियों को पार करती है। कई बार ट्रेन की चपेट में आने के हादसे भी हो जाते हैं। साथ ही नेशनल हाइवे के पूरे ट्रैफिक के साथ स्थानीय ट्रैफिक के भार को एमएस कॉलेज ओवरब्रिज को झेलना पड़ रहा है।
सार्वजनिक निर्माण विभाग ने एमएस कॉलेज ओवरब्रिज के दोनों तरफ एक-एक आरयूबी निर्माण के लिए 14 मार्च 2022 को वर्कऑर्डर जारी कर दिए। ठेकेदार फर्म भाटी कंस्ट्रक्शन कम्पनी जोधपुर को 175 करोड़ रुपए से आरयूबी 321/3-4 का निर्माण कार्य सौंपा गया। दानों को आठ महीने में इसे बना कर 13 नवम्बर 2022 को पीडब्लयूडी को सौंपना था। परन्तु आज 30 महीने बीतने के बाद भी यह बन नहीं पाए।
ठेकेदार फर्म ने तय समय में आरयूबी निर्माण के लिए सीमेंट ब्लॉक तैयार कर लिए। साल 2022 में रेल पटरी के नीचे ब्लॉक शिफ्ट करने की तैयारी थी। इसी बीच एक स्थानीय नेता ने आरयूबी की जगह को इधर-उधर करने के लिए पीडब्लयूडी पर दबाव डाला। यह भी बात सामने आई कि रेलवे ने भविष्य ने ट्रैक दोहरीकरण की मंशा भी जताई। सात की जगह 11 ब्लॉक का अंडरपास बनाने का कार्य करवाने के लिए कह दिया। आरयूबी निर्माण में रेलवे और राज्य सरकार दोनों का पैसा लगता है। ऐसे में अतिरिक्त बजट के लिए सरकारों के पास फाइलें घूमती रहीं। अंजाम यह हुआ कि पुराने टेंडर की अवधि समाप्त हो गई, लेकिन स्वीकृति नहीं आई।
पीडब्लयूडी का दावा है कि नवम्बर 2022 में दो आरयूबी को 11 ब्लॉक का बनाने के लिए 7 ब्लॉक बनने नहीं दिए गए। उस समय केन्द्र में भाजपा और राज्य में कांग्रेस सरकार थी। अब सात ब्लॉक के ही आरयूबी बनाए जाएंगे। इस बीच नवम्बर 2022 से अगस्त 2024 आ गई। करीब पौने दो साल तक जनता सुविधा से वंचित रही।
पीडब्लयूडी दोनों अंडरपास का कार्य समय पर पूरा करवाने के हिसाब से साल 2022 में काम करवा चुकी थी। परन्तु रेलवे की ओर से कुछ तकनीकी मामला आने से कार्य नहीं हो पाया। अब रेलवे ने भविष्य में ट्रैक दोहरीकरण के हिसाब से ड्राइंग में कुछ बदलाव करवा लिया है। रेलवे के साथ बैठक भी कर चुके हैं। बरसात का समय निकलने के बाद सितम्बर में रेल ट्रैफिक ब्लॉक लेकर अंडरपास शुरू कर देंगे।- मुकेश गुप्ता, अधीक्षण अभियंता पीडब्लयूडी
रेलवे के डीआरएम डॉ. आशीष कुमार ने कहा कि यह कार्य स्टेट गर्वमेंट को करवाना था। करीब एक साल का समय मुझे यहां हो गया। कभी यह बात सामने नहीं आई कि रेलवे के स्तर पर आरयूबी को लेकर कुछ भी लम्बित हो। रेलवे की कुछ जमीन के उपयोग का इश्यू जरूर था, जिसके लिए आवश्यक कार्यवाही कर दी गई। वर्ष 2022 में दोहरीकरण जैसा कोई कार्य प्रस्तावित ही नहीं था। पीडब्लयूडी या जिला प्रशासन ने रेलवे से कभी ट्रैफिक ब्लॉक नहीं मांगा। कोई ऐसी बात कह रहा है, तो वह गलत बोल रहे हैं।