
बीकानेर। जिले के छोटे से अरजनसर गांव से विदेश में पढ़ाई का सपना लेकर गए युवक अजय गोदारा रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की चपेट में आ गया। रूस में अजय को मोटी कमाई का झांसा देकर रूसी सशस्त्र बल में भर्ती कर यूक्रेन सीमा पर युद्ध में भेज दिया गया था। युद्ध के दौरान अजय की मौत हो गई। बुधवार को उसका शव रूस से पैतृक गांव अरजनसर पहुंचा। परिजनों ने गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया। शव के साथ रूसी सरकार का पत्र और सेना की वर्दी और रूसी ध्वज भी था।
महावीर प्रसाद के इकलौता पुत्र अजय को 28 नवंबर 2024 को अध्ययन वीजा पर रूस भेजा था। गत 15 सितम्बर को उसका एक वीडियो सामने आया। इसमें अजय ने खुद को यूक्रेन की सिलीडोज सिटी के पास रूसी सेना के युद्ध कैम्प में होने और परिवार से उसकी जान बचाने की गुहार की। अजय ने 18 सितम्बर को परिवार को वीडियो कॉल कर बताया था कि उसे जबरन रूसी सेना में भर्ती कर यूक्रेन में युद्ध लड़ने भेज दिया गया है।
अजय के परिजनों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद की बेबसी की गुहार लगाई थी। सरकारी प्रयास महज खानापूर्ति ही साबित हुए। बुधवार सुबह चार बजे दिल्ली पहुंचे अजय के शव को परिजन शाम को अरजनसर लाए। यहां अंतिम संस्कार किया गया।
मृतक के परिजनों ने बताया कि अन्य भारतीयों की तरह अजय को 16 अगस्त 2025 को रूसी आर्मी में भर्ती किया गया। दलालों ने उसे रूस में किचन वर्क के लिए भर्ती कर मोटी तनख्वाह का लालच दिया था।
Updated on:
17 Dec 2025 08:04 pm
Published on:
17 Dec 2025 08:00 pm
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