बीकानेर मूल के जयपुर निवासी आदित्य ने इस मुकाम को पाने के लिए कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन उनका फोकस कभी नहीं डगमगाया।
संघ लोक सेवा आयोग 2024 के घोषित परिणामों में 96वीं रैंक हासिल करने वाले आदित्य आचार्य ने यह साबित कर दिया कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और मेहनत में दम हो, तो असफलता भी राह का हिस्सा बन जाती है। बीकानेर मूल के जयपुर निवासी आदित्य ने इस मुकाम को पाने के लिए कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन उनका फोकस कभी नहीं डगमगाया। यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में यह सफलता उन्हें तीसरे प्रयास में 96वीं रैंक के रूप में मिली। इससे पहले दो बार असफल होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। उनका कहना है, ‘‘अगर आपको सफलता चाहिए, तो एक ठोस प्लान के साथ चलना होगा। रास्ते में अड़चनें आएंगी, लेकिन अगर मन में ठान लिया है तो मंज़लि जरूर मिलेगी।’’
डेली रुटीन और तैयारी की स्ट्रैटेजी
आदित्य ने रोज़ाना 8-9 घंटे की पढ़ाई को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया। वे बताते हैं कि पढ़ाई के लिए किसी खास शहर या कोचिंग की जरूरत नहीं होती। जुनून और प्लानिंग ही सबसे बड़ा हथियार है। उन्होंने 2019 से तैयारी शुरू की थी। जब दो प्रयास असफल रहे, तो परिवार ने उनका मनोबल बनाए रखा और तीसरे प्रयास के लिए प्रेरित किया। उसी आत्मबल और परिवार के साथ से वह देश के सबसे प्रतिष्ठित एग्जाम में सफल हो सके।
बीकानेर से गहरा लगाव और युवाओं के लिए संदेश
आदित्य का बीकानेर से विशेष जुड़ाव है। यहां उनका मूल घर और ननिहाल दोनों हैं। वे बीकानेर के युवाओं को संदेश देते हुए कहते हैं, ‘‘जिंदगी में क्या करना है, यह जानना जरूरी है। जब आप लक्ष्य तय कर लेते हो, तब आपकी मेहनत सही दिशा में लगती है। सोशल मीडिया का उपयोग सीमित करें और पहले अपने टारगेट पूरे करें।’’
आगे की जिमेदारियों के लिए तैयार
अब जब आदित्य भारतीय प्रशासनिक सेवा का हिस्सा बनने जा रहे हैं, तो वे कहते हैं कि ‘‘जो भी जिम्मेदारी मिलेगी, उसे पूरी ईमानदारी से निभाउंगा। जहां भी सुधार की ज़रूरत महसूस होगी, वहां बदलाव लाने का प्रयास करूंगा। ’’ आदित्य की कहानी यह भी संदेश देती है कि सपने देखने से ज्यादा जरूरी है उन पर यकीन करना और लगातार प्रयास करते रहना। हार कभी अंत नहीं होती, बल्कि सफलता की तैयारी होती है।