स्कूल का मुख्य गेट जुगाड़ कर लगाया हैं, जो आवागमन के दौरान बच्चों पर गिर सकता है। बारिश में कक्षा कक्षों की छत से पानी टपकता है। दीवारों से प्लास्टर उखड़ने लगा हैं तथा स्कूल का रसोई घर भी जर्जर हो चुका है।
खंडहरनुमा भवन में अध्ययन करने मजबूर बच्चे, रहता हादसे का डर
कहने को तो सरकार शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के लिए बच्चों को सुविधाएं, स्कूल भवन, अच्छा माहौल देने के तमाम दावे करता है, लेकिन हकीकत इससे उलट है। बीकानेर जिले के छतरगढ़-बीकानेर नेशनल हाईवे स्थित मोतीगढ़ गांव के सरकारी स्कूल का हाल बदहाल हैं। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का भवन जर्जर हो चुका है। स्कूल का मुख्य गेट जुगाड़ कर लगाया हैं, जो आवागमन के दौरान बच्चों पर गिर सकता है। बारिश में कक्षा कक्षों की छत से पानी टपकता है। दीवारों से प्लास्टर उखड़ने लगा हैं तथा स्कूल का रसोई घर भी जर्जर हो चुका है। भवन में आखिरी बार रंगरोगन कब हुआ था। इस बारे में कोई नहीं जानता। जर्जर भवन को देखकर हमेशा हादसे का डर बना रहता है। जिम्मेदारों की उदासनीता के चलते बच्चे इस जर्जर भवन में पढ़ाई करने मजबूर हैं। अभिभावकों ने सरकारी स्कूल भवन का नवनिर्माण करने की मांग जिला अधिकारी के माध्यम से जिला कलक्टर से की गई है।
बच्चे नहीं पहुंच रहे स्कूल
इस सरकारी स्कूल में 349 बच्चों का नामांकन है। इसमें से 90-100 बच्चे शिक्षा ग्रहण करने स्कूल नहीं आते। यदि आते हैं तो डर के मारे वो कक्षा में नहीं बैठते। जानकारी के अनुसार बीस फीसदी बच्चे जर्जर भवन के चलते बाहर ही छांव में पढ़ाई करते हैं। भवन को देखकर न सिर्फ बच्चों बल्कि शिक्षकों की भी सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती।
बरसात में होती दिक्कतें
बरसात के मौसम में छत से पानी का रिसाव होने से कक्ष में पानी भर जाता है। इससे कई बार बारिश के दिनों में यहां अघोषित छुट्टी हो जाती है। स्कूल भवन की जर्जर स्थिति को लेकर कई बार शिकायत शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारियों को की गई, लेकिन अब तक किसी ने सुध नहीं ली है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जिम्मेदारों ने समय रहते ध्यान नहीं दिया, तो यहां बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता।
जानकारी दी है
स्कूल के जर्जर भवन की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी गई है। यदि संबंधित विभाग की ओर से भवन स्वीकृति का ग्राम पंचायत को प्रस्ताव मिलता है, तो भवन निर्माण कार्य या मरम्मत कार्य किया जाएगा।
रामसिंह भाटी, सरपंच, मोतीगढ़