ऑनलाइन प्रतियोगिताओं के माध्यम से दिखा रहे दमखम
एक समय था जब गली-मोहल्लों और मैदानों में बच्चे खेलते हुए नजर आते थे। लेकिन धीरे-धीरे समय बदलता गया। खेलों के तरीके में भी बदलाव आना शुरू हो गया है। अब मोबाइल और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर युवा ई-स्पोर्ट्स के माध्यम से अपना दमखम दिखा रहे है। खेलों का तरीका बदलने के साथ-साथ, आजकल युवा पारंपरिक खेलों के अलावा ई-स्पोर्ट्स के क्षेत्र में भी सक्रिय रूप से अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं। ई-स्पोर्ट्स का क्रेज बीकानेर में भी देखने को मिल रहा है। यही वजह है कि हाल ही में एक कॉलेज में ऐसी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था। डिजिटल दुनिया में विभिन्न गेम्स की बढ़ती लोकप्रियता ने खेलों के नजरिए को बदल दिया है। ई-स्पोर्ट्स के इस नए रुझान में युवाओं ने अपनी टीम और सोशल मीडिया ग्रुप्स बना रखे हैं, जहां वे एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं और ऑनलाइन गेमिंग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हैं। इन ग्रुप्स के माध्यम से ही एक दूसरे के साथ ही प्लेटफार्म पर खेलों का लुत्फ उठा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर ग्रुप, 500 से अधिक सदस्य
युवा कानू सिंह राठौड़ ने बताया कि पिछले पांच सालों से ई-स्पोर्ट्स से जुड़ा हुआ हूं। इसको लेकर अब एक अलग से सोशल मीडिया का ग्रुप बना रखा है। शुरू में कम सदस्य थे लेकिन अब 500 से अधिक है। कोई भी प्रतियोगिता होती है तो इसी ग्रुप में जानकारी साझा करते है। अब तो युवा खिलाड़ी बीकानेर ही नहीं बाहर भी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए जा रहे है। यहां तक कि कंपनियां भी ई-स्पोर्ट्स के लिए युवाओं को आमंत्रित कर रही हैं।
इन खेलों की प्रतियोगिताएं
क्रिकेट, फुटबॉल, शतरंज, बीजीएमआई, कैरम, फ्री-फायर, लूडो सहित अन्य।
हैक न हो इसको लेकर निगरानी
बीकानेर के इंजीनियरिंग कॉलेज में हाल ही में ई-स्पोर्ट्स प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इस दौरान गेम हैक न हो इसको लेकर विशेष निगरानी टीम भी तैयार की गई। साथ ही गेम के दौरान कोई एक्स्ट्रा फीचर भी न जुड़े इसको भी ध्यान में रखा जाता है। इसके अलावा ऑनलाइन गेम ऑटो मोड की बजाय मेनुअल पर रखा जाता है।
टॉपिक एक्सपर्ट----ई-स्पोर्ट्स का मार्केट पहुंचा करोड़ों में
वर्तमान समय में ई-स्पोर्ट्स विश्वभर में सबसे तेज़ी से बढ़ते खेलों में से एक है। लाखों के प्राइज पूल, करियर अवसरों और डिजिटल प्लेटफॉर्म की व्यापक पहुंच ने इसकी लोकप्रियता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। भारत में ई-स्पोर्ट्स का मार्केट 2024 में लगभग 1600 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था, जबकि 2030 तक इसके 8000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। हाई-स्पीड इंटरनेट, मोबाइल गेमिंग की उपलब्धता और स्ट्रीमर्स की बढ़ती लोकप्रियता ने इस क्षेत्र के विकास को तेज किया है। ई-स्पोर्ट्स अब केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी मंच बन चुका है। फिर भी डिजिटल खेलों के साथ शारीरिक फिटनेस अत्यंत आवश्यक है। मैदान पर पारंपरिक खेलों में भाग लेना संतुलित और समग्र विकास के लिए अनिवार्य है।
-डॉ. नवीन शर्मा, विभागाध्यक्ष, खेलकूद विभाग, ईसीबी