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बीकानेर। जिला परिवहन कार्यालय (डीटीओ) ने 3 दिसंबर से सभी व्यावसायिक वाहनों ट्रक, बस, ऑटो रिक्शा, पिकअप और अन्य यात्री भार वाहनों का मैन्युअल फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करना बंद कर दिया है। यह निर्णय नोखा स्थित निजी ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) के दोबारा शुरू होने के बाद लिया गया, लेकिन इसका पूरा बोझ अब वाहन मालिकों पर आ गया है।
बीकानेर, श्रीडूंगरगढ़, लूणकरणसर, खाजूवाला, कोलायत, छतरगढ़ और पूगल के वाहन स्वामियों को अब फिटनेस के लिए 70-170 किमी दूर नोखा जाना पड़ रहा है। इससे ईंधन खर्च, टोल शुल्क, एक दिन की यात्रा सब कुछ बढ़ गया है। पहले बीकानेर डीटीओ में परिवहन निरीक्षक भौतिक सत्यापन कर मैन्युअल फिटनेस जारी कर देते थे, जिससे वाहन मालिकों को थोड़ी राहत रहती थी।
निजी सेंटर पर मशीनों से जांच में प्रति वाहन करीब 20 मिनट लगते हैं। दैनिक क्षमता मुश्किल से 40-50 वाहनों की है, जबकि बीकानेर में प्रतिदिन 100-130 वाहन फिटनेस के लिए आते हैं। परिणाम लंबी कतारों के रूप में तो सामने आ ही रहा है। कई वाहनों को हफ्तों तक खड़े रहना पड़ रहा है। उनका व्यवसाय ठप हो जा रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी ऑटो रिक्शा चालकों को हो रही है। शहर में ऑटो रिक्शा का परमिट सिर्फ 10-12 किमी सीमा तक वैध है। अब फिटनेस के लिए उन्हें 70 किमी दूर नोखा भेजा जा रहा है, जिसे चालक 'परमिट नियमों का उल्लंघन' बता रहे हैं।
कई वाहनों के दस्तावेज अधूरे होते हैं। नोखा जाते समय टोल प्लाजा कैमरे ई-चालान काट देते हैं। फिटनेस मिलने से पहले चालान निपटने पर वाहन ब्लैकलिस्ट हो सकते हैं, जिससे वाहन स्वामी गंभीर चिंता में हैं।
वाहन मालिकों का दावा है कि बीकानेर डीटीओ में मैन्युअल फिटनेस के दौरान टैक्स, लंबित चालान, सभी का भुगतान सुनिश्चित होता था। निजी सेंटर पर बिना टैक्स/चालान निपटाए फिटनेस जारी होने की आशंका है, जिससे राजस्व को नुकसान हो सकता है।
वाहन स्वामियों, परिवहन संगठनों और ऑटो चालकों ने मांग रखी है कि बीकानेर में नया एटीएस स्थापित होने तक डीटीओ कार्यालय में मैन्युअल फिटनेस की प्रक्रिया तुरंत बहाल की जाए। कर्मचारियों का कहना है कि यह निर्णय सुरक्षा, सुविधा और राजस्व, तीनों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।
Updated on:
12 Dec 2025 09:56 pm
Published on:
12 Dec 2025 09:51 pm
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