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Rajasthan Transport Department : राजस्थान में 5000 वाहनों के रजिस्ट्रेशन होंगे निरस्त, वाहन स्वामियों पर दर्ज होगी एफआइआर

Rajasthan Transport Department : थ्री डिजिट नंबर पर परिवहन विभाग एक्शन मोड में आ गया है। पांच हजार वाहनों के रजिस्ट्रेशन निरस्त होंगे। साथ ही फर्जी तरीके से नंबर खरीदने वाले वाहन स्वामियों पर एफआइआर दर्ज की जाएगी। परिवहन विभाग के इस सख्त रवैये से पूरे महकमे में खलबली मच गई है।

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Rajasthan 5000 vehicles registration will be cancelled and FIRs will be registered against vehicle owners Transport Department Action mode

फाइल फोटो पत्रिका

Rajasthan Transport Department : परिवहन विभाग में चर्चित थ्री डिजिट नंबरों के फर्जीवाड़े में विभाग अब एक्शन मोड पर आ गया है। ईडी और एसीबी की एंट्री के बाद विभाग अपने स्तर पर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की तैयारी में है।

विभाग ने राज्य के आरटीओ-डीटीओ कार्यालयों में बेचे गए थ्री डिजिट के वीआईपी नंबरों की ऑडिट कराने के आदेश जारी कर दिए हैं। ऑडिट में फर्जीवाड़े से बेचे गए नंबर पाए जाने पर वाहन स्वामियों के खिलाफ एफआइआर होगी। इतना ही नहीं, जिन वाहनों में फर्जी तरीके से नंबर दिए गए हैं, उनका रजिस्ट्रेशन निरस्त किया जाएगा।

विभाग के इस आदेश के बाद पूरे महकमे में खलबली मच गई है। कारण है कि राजस्थान में करीब पांच हजार नंबरों को फर्जी तरीके से बेचने का अनुमान है। अब आरटीओ-डीटीओ कार्यालयों की ओर से ऐसे वाहन स्वामियों को नोटिस जारी किए जाएंगे।

फर्जीवाड़े में शामिल विधायक, सांसद, अफसर

परिवहन विभाग में थ्री डिजिट नंबरों की फर्जी अलॉटमेंट हुई है। इसमें पूर्व और वर्तमान विधायक, सांसद, अफसर व बिजनेसमैन के रिश्तेदारों को वीआइपी नंबर दिए गए हैं। अब सवाल है कि €क्या इन पर कार्रवाई होगी।

450 अफसर और कार्मिक चिन्हित

विभाग ने 450 से ज्यादा अफसरों और कार्मिकों को चिन्हित कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। जयपुर में सबसे अधिक 32 मामले दर्ज किए गए हैं। विभाग में हर तीसरे अफसर के दोषी होने की जानकारी मिली है।

पत्रिका ने उजागर किया फर्जीवाड़ा

परिवहन विभाग में इस फर्जीवाड़े का बड़े स्तर पर खुलासा राजस्थान पत्रिका ने किया। जयपुर आरटीओ में एक मामला सामने आने के बाद आरटीओ राजेन्द्र सिंह शेखावत की ओर से जांच की गई और पूरे प्रकरण का खुलासा किया। जांच कमेटी ने 10 हजार वीआइपी नंबरों के हेरफेर और 500-600 करोड़ रुपए की राजस्व हानि का अनुमान जताया।