
एसीबी कार्यालय। पत्रिका फाइल फोटो
जयपुर। जल जीवन मिशन में 900 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को जांच की अनुमति मिल गई है। इसके लिए एसीबी डीजी गोविंद गुप्ता ने विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया है।
एसआइटी की अध्यक्षता एसपी महावीर सिंह राणावत करेंगे, जबकि सुपरविजन आइजी डॉ. रामेश्वर सिंह के पास रहेगा। टीम में एएसपी हिमांशु कुलदीप, भूपेन्द्र सिंह और महावीर प्रसाद शर्मा सदस्य होंगे। इस मामले में पूर्व मंत्री महेश जोशी की गिरफ्तारी भी हुई थी।
मामले में जलदाय विभाग के तत्कालीन एसीएस (आइएएस) सुबोध अग्रवाल, चीफ इंजीनियर दलीप गौड़, अधीक्षण अभियंता मुकेश गोयल, चीफ इंजीनियर केडी गुप्ता, एडिशनल चीफ इंजीनियर सुधांशु दीक्षित और एसईएन संजय अग्रवाल के खिलाफ जांच की अनुमति दी गई है। हालांकि तत्कालीन उप सचिव (आरएएस) गोपाल सिंह और वित्तीय सलाहकार केसी कुमावत के खिलाफ जांच की अनुमति अभी लंबित है। इन दोनों के खिलाफ सरकार के पास फाइल विचाराधीन है। हैडिंग सुझाव
जल जीवन मिशन की पेयजल परियोजनाओं में फर्जी कार्य पूर्णता प्रमाण पत्रों से किए गए 900 करोड़ के टेंडर घोटाले में लिप्त जलदाय विभाग के अफसरों के खिलाफ एसीबी को 17-ए में जांच की अनुमति मिल गई है। ऐसे में फील्ड में तैनात जलदाय अफसरों को एसीबी की जांच का सामना करना पड़ेगा।
जांच प्रभावित नहीं हो इसके लिए फील्ड में लगे जलदाय अफसरों को उनके मौजूदा पदों से हटाने की तैयारी उच्च स्तर पर शुरू हो गई हैं। जल भवन में तैनात मुख्य अभियंता केडी गुप्ता, जयपुर अतिरिक्त मुख्य अभियंता शुभांशु दीक्षित, अधीक्षण अभियंता मुकेश गोयल समेत अन्य अधिकारियों को फील्ड से हटाया जाएगा। बुधवार को जल भवन में तैनात सीनियर इंजीनियरों ने कहा कि एक दो दिन में ही ये अधिकारी फील्ड से हटाए जा सकते हैं।
Updated on:
11 Dec 2025 09:42 am
Published on:
11 Dec 2025 08:47 am
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