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Cyber Crime: जयपुर के जेम्स कारोबारी के साथ 12.9 करोड़ रुपए की साइबर ठगी, व्हाट्सएप पर लड़की ने भेजा था ये लिंक

Cyber Crime From Jaipur Gems Trader: जयपुर में जेम्स कारोबारी के साथ हुई 12.09 करोड़ रुपए की इस साइबर ठगी ने एक बार फिर ऑनलाइन गोल्ड ट्रेडिंग और फर्जी रिटर्न के नाम पर हो रही डिजिटल धोखाधड़ी को उजागर कर दिया है।

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Cyber-Crime

AI जनरेटेड प्रतीकात्मक तस्वीर


Jaipur Cyber Crime From Whatsapp Link: ये कहानी एक ऐसे सुनियोजित साइबर अपराध की है, जिसमें ठगों ने महज एक व्हाट्सऐप मैसेज से शुरुआत की और देखते ही देखते जयपुर के तिलकनगर निवासी 63 वर्षीय जेम्स स्टोन व्यापारी संजय फोफलिया से 12 करोड 09 लाख रुपए उड़ा लिए। FIR के अनुसार यह पूरा खेल 'गोल्ड ट्रेडिंग', 'बेहतर रिटर्न' और 'कनक धाम एक्सचेंज कस्टमर सर्विस' के नाम पर रचा गया एक हाई-एंड डिजिटल स्कैम है।


मैसेज आते गए और फंसते गए

  • व्हाट्सऐप पर आए मैसेज में एक वेबसाइट लिंक भेजा गया।
  • व्यापारी ने वेबसाइट पर साइनअप कर ID बनाई।
  • ठगों ने कस्टमर सर्विस एजेंट बनकर अलग-अलग बैंक खातों के नंबर भेजे।
  • खातों में व्यापारी ने रुपए ट्रांसफर किए। कुछ देर बाद वॉलेट में बढ़ी राशि आई।
  • विड्रॉल के लिए आवेदन किया तो अगले दिन टैक्स जमा कराने का मैसेज आया।
  • व्यापारी ने टैक्स-फीस के नाम पर करोड़ों रुपए खातों में जमा करवा दिए।

कहां से शुरू हुआ मामला?

25 सितंबर की शाम व्यापारी के मोबाइल पर वाट्सऐप पर अनजान नंबर से कृतिका ठाकुर नाम से मैसेज आया, जिसमें एक वेबसाइट का लिंक था। लिंक खोलते ही गोल्ड ट्रेडिंग और तेज मुनाफे के आकर्षक दावे सामने आए। पीड़ित ने भरोसा कर वेबसाइट पर लॉगिन आइडी बनाई और यहीं से ठगी की शुरुआत हुई।

वेबसाइट अभी भी सक्रिय

बैंक खाते लगातार बदलते रहे, भुगतान के नाम नए-नए शुल्क लगाए गए और हर बार वर्चुअल वॉलेट में दस्तावेज की तरह रकम दिखा कर पीड़ित को भरोसे में रखा गया। वेबसाइट अभी भी सक्रिय बताई जा रही है।

ऐसे बुना गया धोखे का जाल

  1. पहले निवेश और मुनाफे का झांसा7 अक्टूबर को पीड़ित ने पहली बार 5 लाख रुपए यूपी के मथखेड़ा स्थित एक खाते में आरटीजीएस से भेजे। कुछ ही देर में उसका वर्चुअल वॉलेट 15% मुनाफे के साथ अपडेट हुआ और यहीं से व्यापारी झांसे में आ गया।
  2. मुनाफे का लालच और खाते की बाढ़36% रिटर्न का लालच देकर कस्टमर सर्विस ने लगातार नए बैंक खाते भेजे। पीड़ित ने 4 नवंबर तक कुल 6 करोड़ रुपए अलग-अलग खातों में जमा कर दिए। वर्चुअल वॉलेट में रकम दिखने लगी- 9.42 करोड़ रुपए।
  3. अंतिम चाल-विड्रॉल टैक्स व शुल्कजब व्यापारी ने 7 नवंबर को पहला विड्रॉल (5.02 करोड़) मांगा, तो कस्टमर सर्विस ने जवाब दिया, '30% इनकम टैक्स जमा करवाइए, वरना प्रतिदिन 2% पेनल्टी लगेगी।' पीड़ित ने एक के बाद एक भुगतान कर दिया। र 1.35 करोड़, 75.42 लाख, 1 करोड़, 64.68 लाख, 1.06 करोड़, 66.75 लाख और 60 लाख की एंट्री कृतिका ठाकुर द्वारा वॉलेट में की गई। ऐसे कुल भुगतान 12.09 करोड़ रुपए हुआ। फिर भी न विड्रॉल मिला और न ही खाता बंद हुआ।