बिलासपुर

National Dog day: बिलासपुर में डॉग ब्लड डोनेशन की अनोखी मिसाल, बीमार लैब्राडोर को मिला जीवन

बिलासपुर के डॉग लवर रूपेंद्र वैष्णव से संपर्क किया। रूपेंद्र ने बिना देर किए अपने 2 साल 9 माह के लैब्राडोर शैम्पू का ब्लड डोनेट कराने का निर्णय लिया।

2 min read
Aug 26, 2025

National Dog day: नेशनल डॉग डे से एक दिन पहले बिलासपुर से एक दिल छू लेने वाली खबर सामने आई है। यहां के निवासी रूपेंद्र वैष्णव के डॉग, शैम्पू ने एक बीमार डॉग जिमी की जान बचाने के लिए अपना खून दान किया। यह मामला जांजगीर जिले की रहने वाली नीलिमा सूर्यवंशी के डॉग से जुड़ा है, जो बीते कई दिनों से गंभीर बीमारी से जूझ रहा था।

उल्टी-दस्त के चलते जिमी की हालत इतनी बिगड़ गई कि शरीर में केवल 2.5 ग्राम खून ही बचा था। दोनों ही फीमेल हैं। पशुचिकित्सक रामअवतार ओत्तलवार ने जिमी की जान बचाने के लिए तत्काल ब्लड ट्रांसफ्यूजन की सलाह दी। नीलिमा सूर्यवंशी ने सोशल मीडिया के माध्यम से बिलासपुर के डॉग लवर रूपेंद्र वैष्णव से संपर्क किया। रूपेंद्र ने बिना देर किए अपने 2 साल 9 माह के लैब्राडोर शैम्पू का ब्लड डोनेट कराने का निर्णय लिया। बिलासपुर के सरकंडा स्थित एक निजी पशु चिकित्सालय में डॉक्टरों की देखरेख में ब्लड डोनेशन किया गया।

खून निकालने के दौरान शैंपू कुछ देर के लिए असहज रहा। वह लगातार हांफ रहा था, लेकिन जल्द ही वह नॉर्मल हो गया। ब्लड डोनेट करने के बाद वह क्लीनिक के बाहर चुपचाप बैठा रहा।

खून मिलने के बाद सुधरी तबीयत…

शैम्पू का खून मिलने के बाद जिमी, जिसकी उम्र 2 साल 6 माह है, की तबीयत में तेजी से सुधार हुआ। अब वह धीरे-धीरे ठीक हो रहा है। यह घटना न केवल डॉग्स के प्रति प्रेम और करुणा का उदाहरण है, बल्कि इंसानों को भी एक बड़ी सीख देती है।

ब्रीड के आधार पर मिलान

डॉग्स में भी ब्लड डोनेशन संभव है, लेकिन इसके लिए कुछ नियम होते हैं। केवल 2 से 7 साल के बीच की उम्र के डॉग्स ही ब्लड डोनेट कर सकते हैं। डॉग्स में इंसानों की तरह ब्लड ग्रुप नहीं होते, लेकिन ब्रीड के आधार पर मिलान किया जाता है। डॉग लवर रूपेंद्र वैष्णो का कहना है, ‘जब एक जानवर दूसरे की जान बचा सकता है, तो इंसान क्यों नहीं?

Published on:
26 Aug 2025 12:27 pm
Also Read
View All

अगली खबर