बिलासपुर

Bilaspur High Court: झूठे मुकदमे के बढ़ते चलन को लेकर हाईकोर्ट ने जताई चिंता, जानिए क्या है पूरा मामला ?

High Court: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी ने अग्रिम जमानत को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण फैसला दिया है। कोर्ट ने झूठे मुकदमे के बढ़ते चलन पर चिंता...

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Bilaspur High Court: अग्रिम जमानत को लेकर दायर एक मामले में हाईकोर्ट ने झूठी मुकदमेबाजी को लेकर चिंता जताई है। हाल के दिनों में, राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता बढ़ने के साथ, इस प्रवृत्ति में लगातार वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं। कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ याचिकाकर्ता महिला के अग्रिम जमानत आवेदन को स्वीकार करते हुए सशर्त जमानत दी है।

जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने सुनवाई के दौरान झूठे मामले में फंसाने और पुलिस में झूठी रिपोर्ट लिखाने की बढ़ती प्रवृति पर चिंता के साथ ही नाराजगी भी जताई है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यही कारण है कि नए कानून में अग्रिम जमानत के प्रकरणों में न्यायालय को अधिक अधिकार सम्पन्न बनाया गया है। कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि अग्रिम जमानत देने की ज़रूरत मुख्य रूप से इसलिए पड़ती है क्योंकि कभी-कभी प्रभावशाली व्यक्ति अपने प्रतिद्वंद्वियों को बदनाम करने या अन्य उद्देश्यों के लिए उन्हें कुछ दिनों के लिए जेल में बंद करवाकर झूठे मामले में फंसाने की कोशिश करते हैं।

Bilaspur High Court: यह है मामला

राजनादगांव निवासी परीशा त्रिवेदी अपने चाचा आशीष स्वरूप शुक्ला के साथ, अपने पति के पैतृक घर राजनांदगांव गई थी। जहां उसके पति के भाई दुर्गेश त्रिवेदी के साथ कुछ तीखी बातचीत हुई थी। दुर्गेश ने उस पर मोबाइल चोरी का आरोप लगाया, परीशा ने तुरंत ही ई-मेल भेजकर बताया कि उन्होंने गलती से एक मोबाइल फोन उठा लिया है, जो दिखने में एक जैसा है और वे उसे वापस करना चाहती हैं। लेकिन उक्त मुद्दे को अनावश्यक रूप से विवाद का स्रोत बना दिया गया और मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई।

Updated on:
28 Sept 2024 04:03 pm
Published on:
28 Sept 2024 04:02 pm
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