बिलासपुर

Bilaspur Murder Case: राहुल हत्याकांड का खुलासा! न मोबाइल था… न ही घर आता जाता, 18 दिन से फरार आरोपी को पुलिस ने ऐसे दबोचा

Murder News: बिलासपुर में हत्या की वारदात को अंजाम देकर फरार आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने राहुल सिंह चौहान नाम के शख्स का बेरहमी से कत्ल कर मौत के घाट उतार दिया था।

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Bilaspur Murder Case: बिलासपुर पुराना बस स्टैंड के पास राहुल चौहान की हत्या करने वाला आरोपी दीपक उर्फ बाबा ठाकुर ड्रग एडिक्ट था। 18 दिन तक पुलिस को छकाने के बाद गुरुवार को वो नशा छुड़ाने वाली दवा लेने जिला अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र पहुंचा था। इधर मुखबिर की सूचना पर यहां पुलिस की टीम पहले से ही सिविल ड्रेस में तैनात थी। दीपक के आते ही उसे दबोच लिया।

तारबाहर थाना प्रभारी गोपाल सतपथी ने बताया कि पुराना बस स्टैंड के पास 25 अगस्त की रात 10.45 बजे शराब पीने के दौरान दो युवकों के बीच लड़ाई हो गई। इस दौरान बहतराई अटल आवास निवासी दीपक ठाकुर 23 वर्ष ने शराब की बोतल तोड़ मधुबन दयालबंद निवासी राहुल चौहान 29 वर्ष के गले में घोंप दिया। जिससे राहुल की मौत हो गई।

हत्या करने के बाद आरोपी दीपक अंधेरे का फायदा उठाकर वहां से भाग निकला। लगातार जांच और मुखबिरी के माध्यम से पुलिस को पता चला कि आरोपी ड्रग एडिक्ट है। अक्सर जिला अस्पताल ओएसडी सेंटर आता है। इस पर पुलिस पिछले 18 दिन से सिविल ड्रेस में यहां निगरानी कर रही थी। आखिरकार दीपक गुरुवार को यहां दवा लेने यहां पहुंचा और पुलिस ने उसे दबोच लिया।

शहर के अलावा रायपुर, भाटापारा में की गई थी तलाश

सीसीटीवी फुटेज में भी हत्यारे का पता नहीं चलने के कारण एसपी रजनेश सिंह ने पुलिस टीम को शहर के अलावा रायपुर, भाठापारा के संभावित ठिकानों पर भी तलाश के लिए भेजा था। आरोपी पुलिस को लगातार छका रहा था। आखिरकार गुरुवार को पकड़ में आ ही गया।

मामूली विवाद में कर दी थी हत्या

पुलिस की पूछताछ में आरोपी दीपक ने बताया कि घटना की रात उसकी राहुल से सामान्य विवाद हुआ था। इस पर राहुल ने उससे मारपीट की। इससे नाराज होकर उसने शराब की बोतल तोड़ कर उसके गले में वार कर हत्या कर दी।

धुंधले फुटेज से स्केच बना कर पुलिस करती रही पतासाजी

हत्या के बाद पुलिस लगातार आरोपी की तलाश में जुटी थी। घटना स्थल से लेकर आसपास इलाके में 300 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले गए। इसके बाद भी आरोपी का पता नहीं चल पा रहा था। दरअसल, घटनास्थल पर अंधेरा होने से पास की दुकान में मिले सीसीटीवी फुटेज में आरोपी का चेहरा स्पष्ट दिखाई नहीं दे रहा था। इस बीच धुंधले सीसीटीवी फुटेज का स्केच बनाकर पुलिस आखिरकार ओरोपी तक पहुंच ही गई।

Published on:
13 Sept 2024 03:53 pm
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