CG News: बिलासपुर जिले में बिना विभागीय जानकारी के निजी अस्पतालों में सेवा दे रहे सरकारी डॉक्टरों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग सख्त कार्रवाई की तैयारी में है।
CG News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में बिना विभागीय जानकारी के निजी अस्पतालों में सेवा दे रहे सरकारी डॉक्टरों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग सख्त कार्रवाई की तैयारी में है। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे डॉक्टरों पर नर्सिंग होम एक्ट के तहत कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। इसके लिए जल्द ही छापामार कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि जिला अस्पताल सहित अन्य शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ सरकारी डॉक्टर ओपीडी समय में अनुपस्थित रहते हैं और उसी दौरान निजी अस्पतालों में अपनी सेवाएं देते हैं। इससे सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है और मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है।
शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए विभाग अब विशेष छापामार टीम गठित कर रहा है, जो शहर के निजी अस्पतालों में निरीक्षण कर वहां सेवा दे रहे सरकारी डॉक्टरों की जांच करेगी। जांच में नियम विरुद्ध कार्य करते पाए जाने पर संबंधित डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इतना ही नहीं, कुछ डॉक्टरों पर सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को लामा (इलाज बीच में छोड़ना) कराकर निजी अस्पतालों में रेफर करने के भी आरोप सामने आए हैं। पकड़े जाने पर पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा, इसके बाद नर्सिंग होम एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शिकायतों में यह भी सामने आया है कि सिम्स में पदस्थ डॉक्टरों के खिलाफ निजी अस्पतालों में सेवा देने की सबसे ज्यादा शिकायतें मिली हैं। बताया जा रहा है कि इसकी जानकारी सिम्स प्रबंधन को भी नहीं है। ओपीडी समय में डॉक्टरों के निजी अस्पतालों में मौजूद रहने के कारण सिम्स में मरीजों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है और कई बार उन्हें उपचार से वंचित होना पड़ता है।
सरकारी डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस को लेकर स्पष्ट नियम निर्धारित हैं। इसके तहत डॉक्टरों को निजी प्रैक्टिस के समय और उससे होने वाली आय की जानकारी विभाग को देना अनिवार्य है। साथ ही ओपीडी समय में निजी प्रैक्टिस पर पूरी तरह प्रतिबंध है। इसके बावजूद कई डॉक्टर नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।
इसके लिए डॉक्टरों को शपथ पत्र भरकर स्वास्थ्य विभाग में जमा करना होता है, लेकिन शिकायत है कि नियमों का पालन नहीं किया जा रहा। स्वास्थ्य विभाग ने साफ कर दिया है कि नियम तोड़ने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।