CG News: सूची में नाम चढ़ाने या हटवाने के लिए ‘साम-दाम-दंड-भेद’ की रणनीति अपनाई जा रही है। जिले के डीईओ कार्यालय में युक्तियुक्तकरण की फ़ाइल तेज़ी से आगे बढ़ रही है
CG News: स्कूल शिक्षा विभाग में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया ने एक बार फिर हलचल मचा दी है। जिले में सैकड़ों अतिशेष शिक्षकों की नई पोस्टिंग को लेकर जहां विभागीय स्तर पर सूची तैयार की जा रही है, वहीं शिक्षकों की भी सक्रियता बढ़ गई है। मनचाहे स्थान पर तैनाती पाने की होड़ में कुछ शिक्षक नेताओं तक सिफारिश लगवा रहे हैं, तो कुछ डीईओ कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।
हालात ये हैं कि सूची में नाम चढ़ाने या हटवाने के लिए ‘साम-दाम-दंड-भेद’ की रणनीति अपनाई जा रही है। जिले के डीईओ कार्यालय में युक्तियुक्तकरण की फ़ाइल तेज़ी से आगे बढ़ रही है। विभागीय सूत्रों की मानें तो जिन शिक्षकों को अतिशेष घोषित किया गया है, उनकी ‘कुंडली’ तैयार की जा रही है।
इसमें उनका विषय, अनुभव, वर्तमान पदस्थापना और रिक्त पदों की तुलना की जा रही है। लेकिन इसी प्रक्रिया में सबसे ज़्यादा दखल देखने को मिल रहा है। कई शिक्षक अपनी पसंदीदा स्कूल में जगह सुनिश्चित कराने के लिए जनप्रतिनिधियों तक की शरण ले रहे हैं।
कुछ शिक्षकों ने अपने संगठन के पदाधिकारियों को माध्यम बनाकर विभागीय अधिकारियों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। वहीं कई जनप्रतिनिधियों ने भी अपने क्षेत्रों में ‘चहेते शिक्षकों’ को टिकवाने के लिए अधिकारियों से संपर्क किया है, ताकि उनके चहेतों को इधर-उधर न किया जाए। ऐसे में ज़रूरी है कि सूची को सार्वजनिक कर दावा-आपत्ति का अवसर भी दिया जाए, जिससे अन्याय की गुंजाइश खत्म हो।
शिक्षकों के दबाव और सिफारिशों के बीच विभागीय कार्यालय में सूची में फेरबदल की चर्चाएं जोरों पर हैं। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि सब कुछ नियमानुसार होगा, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। शिक्षकों का कहना है कि अगर युक्तियुक्तकरण में पारदर्शिता नहीं बरती गई तो योग्य शिक्षक फिर से उपेक्षित रह जाएंगे और मनमानी की स्थिति बनी रहेगी।