बिलासपुर

सांसद, मंत्री, विधायक OPS ले रहे तो कर्मचारियों के लिए यूपीएस क्यों? काली पट्टी बांधकर विरोध, जानें क्या है मामला

OPS VS UPS: भारत सरकार देश में तिहरी नीति अपना रही है। एक ओर एनपीएस (नेशनल पेंशन सिस्टम) और यूपीएस (यूनिफाइड पेंशन सिस्टम) कर्मचारियों पर लागू किया जा रहा है...

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OPS VS UPS: भारत सरकार देश में तिहरी नीति अपना रही है। एक ओर एनपीएस (नेशनल पेंशन सिस्टम) और यूपीएस (यूनिफाइड पेंशन सिस्टम) कर्मचारियों पर लागू किया जा रहा है, जबकि मंत्री, विधायक और सांसद खुद पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) ले रहे हैं। इस तरह की पक्षपातपूर्ण नीति का विरोध करते हुए केंद्रीय कर्मचारियों ने मंगलवार को काली पट्टी लगाकर काम किया।

रेलवे ट्रैकमेंटेनर एसोसिएशन बिलासपुर जोन के संस्थापक अध्यक्ष एवं ऑल इंडिया रेलवे ट्रैकमेंटेनर यूनियन के राष्ट्रीय सहायक महामंत्री राजेंद्र कुमार कौशिक ने बताया कि सरकार कर्मचारियों की सहमति के बिना यूनिफाइड पेंशन सिस्टम (यूपीएस) लागू करने जा रही है, जो कर्मचारी विरोधी नीति है। कौशिक ने कहा, अगर मंत्री, सांसद और विधायक ओपीएस की जगह यूपीएस लेने को तैयार हों, तो कर्मचारी भी इसे स्वीकार करेंगे।

अन्यथा पुरानी पेंशन कर्मचारियों का अधिकार है और इसकी लड़ाई को और तेज किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि रेलवे कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) ही चाहते हैं और सरकार को इसे बहाल करना चाहिए। इसके लिए कर्मचारी चरणबद्ध तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। ट्रैकमेंटेनर एसोसिएशन अपने आंदोलन को आगे बढ़ाएगा और यदि सरकार ने कर्मचारियों की मांग नहीं मानी, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

OPS VS UPS: एनपीएस और यूपीएस में अंतर

नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस): एनपीएस भारत सरकार द्वारा 2004 में लागू की गई अंशदायी पेंशन योजना है, जिसमें कर्मचारी व नियोक्ता वेतन का एक निश्चित हिस्सा निवेश करते हैं। यह बाजार आधारित योजना है, जिसमें रिटर्न निवेश पर निर्भर करता है। रिटायरमेंट पर 60% रकम निकाल सकते हैं, जबकि 40% से एन्युटी लेना अनिवार्य होता है।

यूनिफाइड पेंशन सिस्टम (यूपीएस)

यूपीएस 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाली नई पेंशन योजना है, जो एनपीएस का उन्नत संस्करण मानी जा रही है। यह भी बाजार आधारित योजना है, जिसमें निश्चित पेंशन गारंटी नहीं होगी। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार बिना सहमति यूपीएस लागू कर रही है, जिससे कर्मचारियों को नुकसान होगा।

एक अप्रैल को काला दिवस के रूप में मनाया

रेलवे के ट्रैकमेंटेनरों ने 1 अप्रैल 2025 से लागू होने जा रहे यूनिफाइड पेंशन सिस्टम (यूपीएस) का कड़ा विरोध किया। बिलासपुर जोन ट्रैकमेंटेनर एसोसिएशन और अखंड रेलवे कर्मचारी संघ के बैनर तले कर्मचारियों ने कार्यस्थलों पर काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया। गौरतलब है कि इंडियन रेलवे एप्लॉइज फेडरेशन (आईआरईएफ) और नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) ने इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया।

Published on:
02 Apr 2025 01:57 pm
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