Bilaspur High Court: कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2024 में हुई गड़बड़ी को लेकर प्रस्तुत जनहित याचिका को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।
Bilaspur High Court: कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2024 में हुई गड़बड़ी को लेकर प्रस्तुत जनहित याचिका को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। चयनित अभ्यर्थियों के भी याचिका में शामिल होने पर चीफ जस्टिस ने कहा कि आप खुद पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हो, सरकारी नौकरी बड़ी मुश्किल से मिलती है। हालांकि कोर्ट ने 4 अभ्यर्थियों को 14 सितंबर को आयोजित शारीरिक परीक्षण में शामिल होने की अनुमति दी।
राज्य लोक सेवा आयोग (पीएससी) ने वर्ष 2023- 24 में पुलिस आरक्षकों की भर्ती परीक्षा आयोजित कराई थी। चयन से पहले इसमें सभी शामिल अभ्यर्थियों की शारिरिक दक्षता परीक्षा भी कराई गई। इस टेस्ट के दौरान राजनांदगांव में विभागीय अधिकारियों की ओर से भारी गड़बड़ी करने और अपने परिचितों के पक्ष में निर्णय कराने के आरोप लगाये गए थे।
इस मुद्दे पर 8 अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि पुलिस की इस परीक्षा में शामिल होने वाले उमीदवारों का फिजिकल टेस्ट बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है। लिखित परीक्षा में सफल होने के बाद भी जब तक फिजिकल फिटनेस में कोई अभ्यर्थी पूरी तरह खरा नहीं उतरता तब तक उसका अंतिम चयन नहीं हो सकता है।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में प्रकरण की सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस ने इस मामले को सुनते हुए याचिकाकर्ताओं से साफ कहा कि इस पीआईएल की जरूत क्यों पड़ी जब आपका चयन हो चुका है। दरअसल 8 में से 4 याचिकाकर्ता परीक्षा में पहले ही चयनित हो चुके हैं, उसके बाद भी इन लोगों ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने इसे गैर जरूरी याचिका मानते हुए खारिज कर दिया।