बिलासपुर

Hindi Diwas 2024: इस देश में हिंदी लोगों को दे रही रोजगार, कई विश्वविद्यालयों में शोध कार्य…

Hindi Diwas 2024: दुर्ग निवासी अजय साहू ने बताया कि भारत में हिन्दी की लोकप्रियता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। लेकिन रूस में यह भाषा चमक बिखेर रही है। मॉस्को राजकीय विश्वविद्यालय के एशियाई और अफ्रीकी अध्ययन संस्थान में एमए की पढ़ाई हो रही है।

2 min read
Sep 14, 2024

Hindi Diwas 2024: भारत के साथ-साथ दुनिया के जिन प्रमुख हिस्सों में हिंदी का प्रचलन तेजी से बढ़ता जा रहा है, उनमें से एक प्रमुख देश रूस है। यहां हिंदी लोगों को रोजगार भी दे रही है। वर्तमान में रूस के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों एवं शिक्षण संस्थाओं हिंदी में शोध कार्य, अनुवाद कार्य, पुस्तक लेखन के कार्य हो रहे हैं । अंतरराष्ट्रीय सम्बन्ध विश्वविद्यालय में 1954 से नियमित रूप से हिंदी पढ़ाई जा रही है। यह कहना है कि भारतीय राजदूतावास विद्यालय, मॉस्को में हिन्दी के शिक्षक अजय साहू का। वे करीब दो साल से वहां बच्चों को हिन्दी पढ़ा रहे हैं।

मूलत: दुर्ग निवासी अजय साहू ने बताया कि भारत में हिन्दी की लोकप्रियता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। लेकिन रूस में यह भाषा चमक बिखेर रही है। मॉस्को राजकीय विश्वविद्यालय के एशियाई और अफ्रीकी अध्ययन संस्थान में एमए की पढ़ाई हो रही है। रूसी राजकीय मानविकी विश्वविद्यालय, आवासीय विद्यालय क्रमांक 19, सैंट पीटर्सबर्ग के रवीन्द्र नाथ ठाकुर, स्कूल नंबर 653 में रूसी बच्चों को हिंदी भाषा के साथ साथ भारतीय कला, संस्कृति और परम्पराओं की शिक्षा दी जा रही है।

कज़ान संघीय विश्वविद्यालय, लेनिनग्राद सहित रूस के सुदूर पूर्व में स्थित व्लदीवस्तोक विश्वविद्यालय भी हिंदी भाषा की विधिवत शिक्षा प्रदान करने का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है । इनमें प्राथमिक कक्षाओं से लेकर स्नातक और स्नातकोत्तर तक हिंदी शिक्षण किया जा रहा है। इन्हीं में से एक रूस की राजधानी मॉस्को में, स्थित भारतीय राजदूतावास विद्यालय भी है। जो 1987 से लगातार हिंदी भाषा की सेवा की दिशा में कार्य कर रहा है | इस विद्यालय में पहली से बारहवीं तक की कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है।

श्रीलंका, इंडोनेशिया के बच्चों को भी हिंदी पसंद

उल्लेखनीय यह है कि भारतीय राजदूतावास विद्यालय में भारतीय बच्चों के साथ-साथ रूस, श्रीलंका, इंडोनेशिया के विद्यार्थी भी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं । रूसी लोगों का मानना है कि हिंदी भाषा के माध्यम से वे भारत की महान सभ्यता को अच्छी तरह समझने में सफल हो सकते हैं।

नौकरी के लिए सीख रहे हिंदी

अजय ने बताया कि हिंदी भाषा ने कैरियर निर्माण की दृष्टि से भी रूसी युवाओं को अपनी ओर आकर्षित किया है। कुछ रूसी युवा हिंदी सीखकर अध्यापक बनाना चाहते हैं। कुछ अनुवाद कार्य को अपना पेशा बनाने की इच्छा रखते हैं। बहुत से युवा दुभाषियों के रूप में मीडिया तथा अन्य व्यायसायिक संस्थाओं में नौकरी की अपार सम्भावनाओं को देखते हुए हिंदी सीख रहे हैं। कुछ अन्य लोगों को लगता है कि हिंदी के ज्ञान से उन्हें दूतावासों में, आकर्षक कैरिअर चुनने का अवसर मिल सकता है।

रशियन का हिंदी से आत्मीय लगाव

रूस में लोगों का हिंदी भाषा से बेहद आत्मीय जुड़ाव है। आम जन मानस से लेकर व्यावसायी वर्ग के बीच भी हिंदी भाषा अत्यंत लोकप्रिय है। शिक्षक साहू ने बताया कि रूस में जिस तरह से हिंदी के अध्ययन के लिए विद्यार्थियों में रूचि और उत्साह में बढ़ोत्तरी हो रही है, उसे देखकर हिंदी सेवी होने के नाते गर्व का अनुभव होता है। उनका कहना है कि आम जनों में भी यह धारणा गलत है कि हिंदी का प्रयोग करने वालों का सम्मान कम मिलता है। भारत में जाने - अनजाने पनप रही हिंदी की उपेक्षा की इन प्रवृत्तियों को दूर करने की जिम्मेदारी विद्यार्थियों के साथ-साथ उनके अभिभावकों की भी है।

Updated on:
14 Sept 2024 10:38 am
Published on:
14 Sept 2024 10:31 am
Also Read
View All

अगली खबर