Bilaspur News: ग्राहक सेवा से जुड़े दो मामलों में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने अहम फैसला सुनाते हुए सिर्फ तीन रुपए ज्यादा लेने पर रिलायंस स्मार्ट बाजार को तीन हजार रुपए ग्राहक को देने कहा है।
CG News: ग्राहक सेवा से जुड़े दो मामलों में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने अहम फैसला सुनाते हुए सिर्फ तीन रुपए ज्यादा लेने पर रिलायंस स्मार्ट बाजार को तीन हजार रुपए ग्राहक को देने कहा है। वहीं ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायत के बावजूद खाता फ्रीज नहीं करने पर आईसीआईसीआई बैंक को ग्राहक के 20 हजार रुपए लौटाने और मानसिक क्षति और वाद व्यय के रूप में 10 हजार रुपए अतिरिक्त चुकाने का भी आदेश दिया है। दोनों आदेश ने साबित कर दिया कि उपभोक्ता चाहे कितनी भी छोटी रकम पर आपत्ति दर्ज कराए, उसे न्याय मिल सकता है।
आयोग ने रिलायंस स्मार्ट को आदेश दिया कि ग्राहक से 3 रुपए अधिक वसूलने पर कंपनी को रकम लौटानी होगी और साथ ही हर्जाने की राशि 2 हजार और 1 हजार वाद खर्च भी चुकाना होगा।
21 वर्षीय जायरा अमीना ने रिलायंस स्मार्ट बाजार से 235 रुपए कीमत वाली चाय पत्ती खरीदी थी। बिलिंग के समय उनसे 238 रुपए वसूले गए। जब ग्राहक ने इसकी शिकायत की तो कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद पीड़ित ने उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया। सुनवाई के बाद फोरम ने माना कि यह अनुचित व्यापार व्यवहार और सेवा में कमी का मामला है। आदेश में कंपनी को निर्देशित किया गया है कि वह 3 रुपए अतिरिक्त वसूली को 45 दिन के भीतर ग्राहक को लौटाए। साथ ही मानसिक पीड़ा और वाद खर्च मिलाकर कुल 3 हजार रुपए का मुआवजा अदा करे।
दूसरे मामले में खमतराई निवासी चंचल कुमार पात्रा के आईसीआईसीआई बैंक अकाउंट से 27 जुलाई 2018 को ऑनलाइन धोखाधड़ी के जरिए 20 हजार रुपए निकाल लिए गए थे।
ग्राहक ने तत्काल इसकी शिकायत बैंक से की, लेकिन बैंक ने समय रहते खाते को फ्रीज नहीं किया। ग्राहक की शिकायत सुनने के बाद उपभोक्ता फोरम ने माना कि बैंक ने अपनी सेवाओं में गंभीर लापरवाही की है। आईसीआईसीआई बैंक को ग्राहक के 20 हजार रुपए लौटाने और मानसिक क्षति और वाद व्यय के रूप में 10 हजार रुपए अतिरिक्त चुकाने का भी आदेश दिया है।
आदेश में कहा गया कि बैंक को 45 दिन के भीतर यह रकम लौटानी होगी। फोरम अध्यक्ष आनंद कुमार सिंघल, सदस्य पूर्णिमा सिंह, आलोक कुमार पाण्डेय ने अपने आदेश में साफ कहा कि बैंक की लापरवाही से ग्राहक को आर्थिक और मानसिक क्षति हुई है, इसलिए नुकसान की भरपाई बैंक को करनी होगी।