CG News: बिलासपुर जिले में औद्योगिक प्रदूषण से श्रमिकों के बीमार होने के मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दो कोर्ट कमिश्नरों ने अपनी निरीक्षण साइट को बदलने का अनुरोध किया।
CG News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में औद्योगिक प्रदूषण से श्रमिकों के बीमार होने के मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दो कोर्ट कमिश्नरों ने अपनी निरीक्षण साइट को बदलने का अनुरोध किया। हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार कर अगली सुनवाई 15 सितंबर को निर्धारित की है।
प्रदेश भर में संचालित कोल आधारित पॉवर प्लांटों में काम करने वाले मजदूरों को सीमेंट और लोहे की डस्ट से मजदूरों के फेफड़े बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। इसे लेकर हाईकोर्ट में उत्कल सेवा समिति, लक्ष्मी चौहान, गोविन्द अग्रवाल, अमरनाथ अग्रवाल की जनहित याचिका और एक स्व संज्ञान मामले में सुनवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने भी देश के कई राज्यों को भी ऐसी ही स्थिति को लेकर निर्देशित किया था।
हाईकोर्ट ने इस मामले में एडवोकेट प्रतीक शर्मा और पीआर पाटनकर समेत 11 लोगों को न्यायमित्र नियुक्त किया है। इनसे प्रदेश की इन औद्योगिक इकाइयों में प्रदूषण के कारण हो रही परेशानी के बारे में जानकारी मंगाई गई थी। शासन के वकील ने बताया था कि, राज्य में करीब ऐसे 60 स्पंज आयरन या सीमेंट प्लांट हैं, जहाँ इस प्रकार की शिकायत आ रही है। इसके बाद चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने न्यायमित्रों को कोर्ट कमिश्नर बनाकर डाटा रिपोर्ट पेश करने को कहा था।