बिलासपुर

Patrika Raksha Kavach Abhiyan: ATM से पैसे निकलने के चक्कर में ठगी, शातिर ने इस तरह लूटे 25 हजार रुपए, जानें क्या है माजरा?

Patrika Raksha Kavach Abhiyan: साइबर अपराध की घटनाएं दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं। छोटी-छोटी असावधानियां बड़ी ठगी का कारण बन जाती हैं।

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Patrika Raksha Kavach Abhiyan: बिलासपुर में साइबर अपराध की घटनाएं दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं। छोटी-छोटी असावधानियां बड़ी ठगी का कारण बन जाती हैं। ऐसा ही एक मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के शनिचरी बाजार स्थित इंडियन बैंक के एटीएम में देखने को मिला था, जहां एटीएम से 2 हजार रुपए निकालने के चक्कर में एक व्यक्ति के खाते से 25 हजार रुपए गायब हो गए।

टिकरापारा निवासी संजीव गुप्ता का खाता आईडीबीआई बैंक में था। वे पैसे निकालने के लिए शनिचरी बाजार स्थित इंडियन बैंक के एटीएम गए। दो हजार रुपए निकालने के लिए प्रोसेस किया पर नोट नहीं निकले खाते से राशि कटने का मैसेज आ गया। इस पर उन्होंने एटीएम कक्ष में चस्पा टोल फ्री नंबर 8002094324 पर कॉल किया तो सामने वाले ने खुद को बैंक अधिकारी बता कर पैसे पाने के लिए तत्काल एनीडेस्क ऐप डाउन लोड करने कहा और एटीएम कार्ड नंबर व ओटीपी बताने कहा। संजीव ने विश्वास में आकर यह सब कर दिया तो उनके खाते से 25 हजार रुपए कटने का मैसेज आया।

साइबर सेल में दर्ज कराई थी शिकायत

सेल में इस धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई। जांच में पता चला कि उसके खाते से कटे रुपए कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड मुंबई एमएचआईएन में चला गया है। आज तक उनका पैसा वापस नहीं आ सका है।

Patrika Raksha Kavach Abhiyan: एक और ठगी से बचे

घटना के बाद पीड़ित को दो बार साइबर ठगों के कॉल आए। एक बार उनके मामा की आवाज में अंजान नंबर से कॉल आया और जरूरी काम के लिए रुपए मांगे। उन्होंने ठगी की आशंका में सबसे पहले मामा को कॉल किया तो पता चला कि उन्होंने ऐसी कोई मांग ही नहीं की।

टॉपिक एक्सपर्ट

- कभी भी किसी के साथ अपने खाते से संबंधित पासवर्ड, ओटीपी इत्यादि गोपनीय जानकारी शेयर न करें।
- बैंक द्वारा अपने ग्राहकों से कभी भी ओटीपी, पासवर्ड जैसी जानकारी नहीं मांगी जाती।
- कोई भी शंका होने पर बैंक शाखा में जाकर ही इस तरह की समस्या का निवारण करवाना उचित होता है।
- कभी भी अनजान नंबर पर कॉल करने से पहले, अनजान लिंक या कोड पर क्लिक करने से पहले उसकी प्रमाणिकता सुनिश्चित कर लें।
- गूगल में बैंक सरकारी संस्थानों, विभिन्न विभागों इत्यादि के नंबर सर्च करने पर बहुत बार ठगों के नंबर भी प्रदर्शित होते हैं। - अत: गूगल पर इस प्रकार के नंबरों को सर्च करने से बचें।

सतर्कता बरतने से बची बाकी रकम

ठगी का एहसास होने पर संजीव ने तुरंत वह ऐप अनइंस्टॉल कर दिया। यह कदम बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ, क्योंकि समय रहते ऐप हटाने के कारण उसके खाते से और पैसे कटने से बच गए। इसके बाद बैंक जाकर खाता ब्लॉक करवाया। खाते की सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठाए। नजदीकी आईडीबीआई बैंक के एटीएम में जाकर वहां टोल फ्री नंबर पर डॉयल कर एटीएम को ब्लाक कराया।

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