Bilaspur High Court: शिक्षा के अधिकार (आरटीई) मामले में जनहित याचिका पर बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को निर्धारित की गई है।
Bilaspur High Court: शिक्षा के अधिकार (आरटीई) मामले में जनहित याचिका पर बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान शिक्षा सचिव की अनुपस्थिति पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताते हुए फटकार लगाई और स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि कोर्ट को मजाक में न लें।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने कहा कि अगली सुनवाई में सचिव स्वयं उपस्थित होकर शपथपत्र में बताएं कि गड़बड़ी करने वालों पर अब तक क्या कार्रवाई की गई है। अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को निर्धारित की गई है। कोर्ट ने शासन से यह भी पूछा कि गरीब बच्चों का हक मारकर बड़े घरों के बच्चों को फर्जी दस्तावेज के आधार पर दाखिला दिलाने वालों के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की है? उल्लेखनीय है कि भिलाई निवासी समाजिक कार्यकर्ता भगवंत राव ने अधिवक्ता देवर्षि ठाकुर के माध्यम से जनहित याचिका दायर की है।
याचिका में बताया गया है कि फर्जीवाड़े से आरटीई के तहत गरीब बच्चों की सीटें कब्जाई जा रही हैं और शिक्षा विभाग इस पर प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रहा। याचिका में इस बात पर भी चिंता जाहिर की गई है, बिना मान्यता के नर्सरी केजी तक के स्कूल गली-गली में खोल दिए गए हैं। जिनकी मान्यता पर भी गंभीर सवाल खड़े हुए हैं।