CG High Court: बिलासपुर शहर में तेजी से बढ़ रही चाकूबाजी की घटनाओं पर हाईकोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान गंभीर चिंता व्यक्त की है।
CG High Court: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में तेजी से बढ़ रही चाकूबाजी की घटनाओं पर हाईकोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान गंभीर चिंता व्यक्त की है। कोर्ट ने सवाल उठाया है कि आखिर ये खतरनाक चाकू ऑनलाइन और खुलेआम कैसे बिक रहे हैं और इस पर रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? कोर्ट ने कहा-ये बटनदार, डिजाइनर चाकू कोई सब्जी काटने के लिए तो नहीं लेता होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि आर्स एक्ट के अंतर्गत सत कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही?
शासन ने शपथपत्र दाखिल कर बताया कि सरकार की ओर से मामले में आर्स एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। ऑनलाइन चाकू मंगाए जाने के मामलों में गंभीरता से ध्यान दिया जा रहा है। चाकुओं के साथ ही दूसरे हथियारों की जब्ती भी बनाई गई है।
डिवीजन बेंच ने मामले में प्रदेश के मुख्या सचिव, डीजीपी, आईजी बिलासपुर, कलेक्टर, एसपी बिलासपुर और गृह विभाग के प्रमुख सचिव को पक्षकार बनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस मुद्दे में जवाबदेही तय की जाएगी। चाकुओं की अवैध और अनियंत्रित बिक्री पर रोक के ठोस उपायों की जानकारी दी जानी चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि बिलासपुर में पान की दुकानों, जनरल स्टोर और गिट शॉप्स में 100 से 500 रुपए में डिजाइनर, बटन और फोल्डिंग चाकू बड़ी आसानी से मिल रहे हैं और वह भी बिना किसी जांच-पड़ताल के। पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद शहर इस समस्या से जूझ रहा है। मामूली विवादों में भी चाकूबाजी हो रही हैं। निगरानी और नियमन की यह कमी छूरा घोंपने जैसी हिंसक घटनाओं में वृद्धि का कारण बन सकती है। जन सुरक्षा को यह लेकर चिंता पैदा करती है।
कोर्ट में प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से जुलाई 2025 के बीच बिलासपुर में चाकूबाजी की 120 घटनाएं हुई हैं। इनमें 7 लोगों की मौत हो गई और 122 लोग घायल हुए। कई घटनाएं छोटी-मोटी कहासुनी या विवाद के बाद हुई हैं।
एडवोकेट जनरल प्रफुल्ल एन. भारत ने कोर्ट को बताया कि यह खतरनाक चाकू न केवल बाजार में, बल्कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी आसानी से उपलब्ध हैं। राज्य सरकार ने ऑनलाइन बिक्री पर कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन इसे पूरी तरह से रोकने के लिए और भी सत कदम उठाने होंगे।