Chunky Pandey Career Journey: Chunky Pandey ने बताया कि कैसे वो अपने जीवन के एक मुश्किल समय में थे, जब वे आपत्तिजनक हालत में थे। इस कठिनाई का सामना करते हुए, उन्होंने अपनी परिस्थिति बदलने का फैसला लिया। किस्मत ने उनका साथ दिया…
Chunky Pandey Career Journey: बॉलीवुड के 'आखिरी पास्ता' कहे जाने वाले चंकी पांडे ने अपने स्ट्रगल के दिनों को याद करते हुए एक मजेदार किस्सा सुनाया है। उन्होंने बताया कि कैसे बाथरूम में हुई एक मुलाकात ने उनकी जिंदगी बदल दी और उन्हें बॉलीवुड में हीरो बनने का मौका मिला।
बता दें कि चंकी पांडे 'टू मच' शो में काजोल और ट्विंकल खन्ना के साथ पहुंचे। इस शो में उन्होंने गोविंदा के साथ अपनी जिंदगी के कई राज खोले। चंकी ने बताया कि उन्हें शुरुआती दिनों में काफी मेहनत करनी पड़ी थी और उन्हें फिल्मों के ज्यादा ऑफर्स नहीं मिलते थे। वे छोटे-मोटे रोल करके गुजारा करते थे।
इसके साथ ही चंकी ने कहा, 'मैं एक्टर बनना चाहता था, लेकिन मेरे परिवार में कोई एक्टर नहीं था। मुझे अपनी पहली फिल्म के लिए 4-5 साल तक खूब संघर्ष करना पड़ा था। लेकिन अगर मैं फिल्मों में आ पाया हूं, तो इसकी वजह गोविंदा ही हैं।' इस बात पर गोविंदा ने तुरंत कहा, 'मैंने छोड़ दीं और इसे मिल गईं।' चंकी ने आगे बताया कि उन्हें अपनी पहली फिल्म बाथरूम में मिली थी। उन्होंने कहा, ''मेरे करियर की शुरूआत आपत्तिजनक हालात और बाथरूम से हुई, जहां मैं पहलाज निहलानी से टकराया था। मैं उन्हें नहीं जानता था और उस वक्त सोशल मीडिया भी नहीं होता था।
उन्होंने मेरी मदद की, फिर मैंने उनसे पूछा कि वो क्या करते हैं। उन्होंने बताया कि वो एक प्रोड्यूसर हैं और उनका नाम पहलाज निहलानी है। मैं तो ये सुनकर दंग रह गया। फिर मैंने अपने बारे में बताया और कहा कि मेरा नाम चंकी पांडे है, तो वो कहते हैं कि ये कितना अजीब नाम है। फिर मैंने उन्हें बताया कि मैं फिल्मों में आना चाहता हूं। फिर उन्होंने अगले दिन मुझे अपने घर बुलाया और ऐसे करके मुझे फिल्म मिल गई।''
दरअसल, चंकी ने साल 1987 में फिल्म 'आग ही आग' से डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने कई बड़ी फिल्मों में काम किया, लेकिन असली पहचान उन्हें फिल्म 'तेजाब' से मिली, जिसमें उन्होंने बब्बन का किरदार निभाया था। चंकी पांडे की कहानी से पता चलता है कि किस्मत कभी भी, कहीं भी चमक सकती है, बस मौके को पहचानने और उसे भुनाने की जरूरत होती है।