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फेमस एक्ट्रेस ‘सेलिना जेटली’ हुईं इमोशनल, इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर कर बयां किया दर्द

Celina Jaitley: इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर सेलिना जेटली भावुक हो गईं। उन्होंने कहा…

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Dec 03, 2024
Celina Jaitley

Celina Jaitley: 3 दिसंबर 1971 को हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध को लेकर फिल्म इंडस्ट्री की एवरग्रीन अभिनेत्री सेलिना जेटली ने एक पोस्ट शेयर किया। जिसमें वह अपने दिवंगत कर्नल पिता की बहादुरी को याद करती नजर आईं।

इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर सेलिना जेटली ने कैप्शन में लिखा, “मैं कुमाऊं रेजिमेंट के युद्धघोष ‘कालिका माता की जय’ से शुरू करती हूं। आज ही के दिन (3 दिसंबर 1971) युद्ध छिड़ गया था, उस वक्त मेरे पिता लेफ्टिनेंट विक्रम कुमार जेटली की उम्र 21 साल थी और उन्हें तैनाती के आदेश मिले थे। उन्हें और उनके 17 कुमाऊं के साथियों को शायद ही पता होगा कि उनकी बटालियन इतिहास में ‘बैटल ऑनर’ के साथ अपना नाम दर्ज कराएगी। हालांकि, उन्हें सबसे ज्यादा नुकसान भी उठाना पड़ा।“

उस समय मेरे पिता के दिमाग में क्या चल रहा था…मैं अक्सर सोचती हूं: सेलिना जेटली

“मैं अक्सर सोचती हूं कि उस समय मेरे पिता के दिमाग में क्या चल रहा था - एक युवा अधिकारी, जो सिर्फ 21 साल का था। वह कल्पना भी नहीं कर सकता था कि वह गंभीर रूप से घायल हो जाएगा और अपनी बाकी की जिंदगी गोलियों और छर्रों के निशानों को ढोता रहेगा। अपनी वीरता के कारण उन्हें दो पदक और बाद में सेना पदक मिला। ऐसे पदक जो अकल्पनीय बलिदान को रिप्रेजेंट करते हैं।"

गर्व से भरी ‘नो एंट्री’ फेम अभिनेत्री ने कहा, “बचपन से बड़े होते हुए मैंने अपने पिता को इतने सारे पदकों से सजी वर्दी पहने देखा। लेकिन अब मैच्योर होने पर मुझे वास्तव में उनमें से प्रत्येक के पीछे के बलिदान और वीरता की समझ आती है।

देश के वीरों ने अद्वितीय बहादुरी और बलिदान के साथ दुश्मनों को सिखाया सबक

"वह अक्सर कहा करते थे कि कुमाऊंनी सैनिक होने के नाते, आप आदमखोर से संबंधित हैं। बटालियन के आदर्श वाक्य 'पराक्रमो विजयते' (वीरता की जीत) और 'कालिका माता की जय' से प्रेरित इन शब्दों में उनका अटूट विश्वास था, जिसने उन्हें युद्ध और उसके बाद के जीवन भर के परिणामों को अपने शरीर और आत्मा पर झेलने में मदद की। 1971 का युद्ध हमारे देश के इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय था, जिसमें लगभग 3,000 भारतीयों की जान चली गई और लगभग 12,000 सैन‍िक घायल हो गए। यह एक ऐसा युद्ध था, जिसमें देश के वीरों ने अद्वितीय बहादुरी और बलिदान के साथ दुश्मनों को सबक सिखाया।

"आज, मैं अपने पिता कर्नल विक्रम कुमार जेटली (एसएम) और उनकी बटालियन, 17 कुमाऊं के बहादुर जवानों, एनसीओ और अधिकारियों और हमारे पूरे भारतीय सशस्त्र बलों के साहस को, वीरता को सलाम करती हूं, जिन्होंने हमारे देश की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी।"

Updated on:
03 Dec 2024 10:14 pm
Published on:
03 Dec 2024 10:09 pm
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