US Election : अमेरिका में रिपब्लिक पार्टी ने चुनाव जीता है लेकिन भारतीय मूल की सबा हैदर ने इसी पार्टी की उम्मीदवार को हराकर US काउंटी का चुनाव जीत लिया है।
US Election : मूल रूप से बुलंदशहर की रहने वाली योग टीचर सबा हैदर ने अमेरिका में ड्यूपेज काउंटी बोर्ड का चुनाव जीतकर दुनियाभर में भारत का नाम रोशन किया है। सबा हैदर ने रिपब्लिकन पार्टी ( Republican party ) की उम्मीदवार पैटी गुस्टिन को करारी मात दी है। 8500 वोटों से सबा ने ये चुनाव जीता है। सबा अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन की डेमोक्रेटिक पार्टी से चुनाव मैदान में उतरी थी। अब वहां पर डोनाल्ड ट्रंप ( Donald trump ) की रिपब्लिकन पार्टी ( Republican party ) चुनाव जीती है।
इन दिनों सबा हैदर का परिवार गाजियाबाद की चित्रगुप्त विहार कालोनी में रहता है। सबा हैदर के परिवार का मूल बुलंदशहर से है। इनका परिवार यहां औरंगाबाद कस्बे में रहता था। सबा के पिता अली हैदर जल निगम में अभियंता थे। रिटायर होने के बाद ये परिवार औरंगाबाद से गाजियाबाद में शिफ्ट हो गया। गाजियाबाद में सबा हैदर की मां एक स्कूल चलाती हैं। अमेरिका में हुई सबा की इस जीत के बाद गाजियाबाद और औरंगाबाद में जश्न जैसा माहौल है। यहां के लोग इस जीत पर गौरव महसूस कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर देशभर से सबा हैदर को लोग बधाई दो रहे हैं।
सबा हैदर को यह कामयाबी तीसरी बार में मिली है। इससे पहले वह दो चुनाव हार चुकी हैं। इस जीत के बाद सबा के पिता ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि उन्हे अपनी बेटी पर प्राउड है। बोले कि, '' सबा मृदुभाषी हैं। अपने व्यवहार और जुबां से ही उसने लोगो का दिल जीता है। बेटी के सामने वाले उम्मीदवार का अमेरिका में 28 साल का राजनीतिक करियर था। इस चुनाव में कुल 9 लाख वोटर थे। ऐसे में सबा को डोर-टू-डोर कैंपेन करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। वो दो चुनाव पहले हार चुकी थी लेकिन फिर भी उसने हार नहीं मानी और अब देश का नाम रोशन कर दिया''
सबा योग टीचर हैं और लंबे समय से अमेरिका में ऑनलाइन और ऑफलाइन योग क्लास दे रही हैं। इन्होंने अपनी 12वी तक की पढ़ाई गाजियाबाद स्थित होली चाइल्ड स्कूल से की। इसके बाद बीएससी टॉप किया और फिर अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से वाइल्ड लाइफ में एमएससी में गोल्ड मैडल प्राप्त किया। इसके बाद सबा की शादी तरबेज अली से हो गई और शादी के बाद वो अपने इंजीनियर पति के साथ शिकागो शिफ्ट हो गई। शिकागों में उन्होंने अपने सामाजिक कार्यों के जारी रखा। इसी दौरान उन्हे वहां दोस्तों ने राजनीतिक में उतरने के लिए प्रेरित किया।