जिला पुलिस के लिए बजरी माफिया सिरदर्द साबित हो रहे है। अवैध बजरी परिवहन में पुलिस डाल डाल तो माफिया पात पात साबित हो रहे है। काफी प्रयास के बाद भी पुलिस इन पर लगाम नहीं लगा पा रही है। अब तो हालात यह है कि बजरी माफिया शहर से पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने से भी गुजरने लगे है
बूंदी. जिला पुलिस के लिए बजरी माफिया सिरदर्द साबित हो रहे है। अवैध बजरी परिवहन में पुलिस डाल डाल तो माफिया पात पात साबित हो रहे है। काफी प्रयास के बाद भी पुलिस इन पर लगाम नहीं लगा पा रही है। अब तो हालात यह है कि बजरी माफिया शहर से पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने से भी गुजरने लगे है, वहीं खनिज विभाग भी पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर जुर्माना कर इतिश्री करता नजर आ रहा है।
अब तक बजरी माफिया परिवहन के लिए कोटा तक जाने के लिए देवली से राजमार्ग का ही उपयोग लेते थे। राजमार्ग पर पुलिस होने पर आस पास के गांवों का भी उपयोग कर लेते थे। इस दौरान इन्हें पकड़े जाने की संभावना कम नजर आती थी, लेकिन गम दिनों ईआरसीपी द्वारा बसोली मोड़ पर नाका स्थापित कर दिया गया। ऐसे में इस मार्ग से बजर परिवहन रवन्ना के साथ अण्डर लोड हो गया। ऐसे बजरी माफिया ने नया मार्ग निकाल लिया। अब माफिया टोंक से सरोली मोड़, दूनी, आवां, रोणिजा, मेण्डी, अलोद होकर रामेश्वर महादेव होते हुए जैतसागर रोड से शहर में प्रवेश कर रहे है।
वहीं मीरा गेट से सिविल लाइन रोड होते हुए देवपुरा मार्ग से कोटा की ओर निकल जाते है। इसके अलावा देवली, काछोला, पगारा, मेण्डी चौराहा, अलोद होकर बूंदी पहुंच रहे है। ऐसा भी नहीं है कि इस मार्ग पर पुलिस थाने नहीं है, लेकिन अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं होने एवं हाल ही सडक़ बनने से बजरी माफिया के लिए यह मार्ग सुगम साबित हो रहा है।
खाली कर भागे
शुक्रवार तडक़े एक दर्जन बजरी से भरे डंपर ने रामेश्वर महादेव रोड से शहर में प्रवेश किया। इस दौरान कोतवाली पुलिस की गाड़ी दिखाई देने पर तीन डंपर ने सडक़ पर बजरी खाली करते हुए वाहनों को भगा ले गए। कोतवाली पुलिस के हाथ एक भी डंपर नहीं लगा। वहीं करीब नौ बजे एक जेसीबी ने सडक़ पर लगे बजरी के ढेर को सडक़ से हटा कर किनारे पर डाल दी।
सडक़ किनारे है पुलिस चौकी
जैतसागर झील रोड पर प्रात: भ्रमण पर अनेक लोग जाते है। ऐसे में सडक़ पर भाटा विलास तक सडक़ पर बजरी के ढेर देख कर लोगों ने विरोध जताया। लोगों का कहना था कि जब यहां बाण गंगा चौकी स्थापित है तो अवैध बजरी परिवहन कैसे हो सकता है, अगर हो रहा है तो पुलिस अधीक्षक को जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को सख्ती से ड्यूटी नहीं करने पर कार्रवाई करना चाहिए, जो नहीं हो पा रही है। बाणगंगा चौकी पर काफी समय से स्टाफ नहीं बदला गया है, उसमें परिवर्तन कर अवैध बजरी परिवहन पर रोक लगाना चाहिए।
बजरी माफिया पर कार्रवाई के लिए सभी थानाधिकारियों को निर्देश दिए हुए है। फिर भी अवैध परिवहन जारी है तो उक्त मार्ग पर गश्त बढ़ाई जाएगी।
अजीत मेघवंशी, पुलिस उपाधीक्षक, हिण्डोली
संभवतया पुलिस की गाड़ी को देख कर ही बजरी माफिया डंपर खाली कर भागे होंगे। पुलिस खनिज विभाग को सडक़ पर बजरी पड़ी होने के बारे में सूचना कर दी थी।
अरुण मिश्रा, पुलिस उपाधीक्षक, बूंदी