बूंदी

एक बस के भरोसे डेढ़ लाख की आबादी

बूंदी से वाया तालेड़ा सुवासा केशवरायपाटन रूट पर राजस्थान पथ परिवहन निगम की रोडवेज बस में यात्रा करनी हो तो यात्री को चार घंटे बस स्टॉप पर खड़ा रहना पड़ेगा और भीड़ ज्यादा होने पर लटक कर भी यात्रा करनी पड़ सकती है।

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May 02, 2025
सुवासा बस स्टैंड पर रोडवेज बस में बैठने वाली सवारी की लगी भीड़।

सुवासा. बूंदी से वाया तालेड़ा सुवासा केशवरायपाटन रूट पर राजस्थान पथ परिवहन निगम की रोडवेज बस में यात्रा करनी हो तो यात्री को चार घंटे बस स्टॉप पर खड़ा रहना पड़ेगा और भीड़ ज्यादा होने पर लटक कर भी यात्रा करनी पड़ सकती है। क्योंकि इस रूट पर कोरोना के बाद से मात्र एक रोडवेज की बस चल रही है, जो चार-चार घंटे के अंतराल में चक्कर लगा रही है। कई बार तो यह बस भी खराब हो जाती है तो इस रूट पर एक बस भी नहीं आती है। पुरानी बसें इस रूट पर चलने से यात्रियों को जान जोखिम में लेकर यात्रा करनी पड़ती है। घर पहुंचने के बाद ही यात्री राहत महसूस करते हैं, जबकि इस मार्ग पर दो उपखंड मुख्यालय एक नगर पालिका 50 से अधिक गांव ढाणी में रहने वाले लोगों के लिए जिला मुख्यालय पर रोडवेज की एक बस के भरोसे ही निर्भर रहना पड़ रहा है।

समाजसेवी सुवासा गांव निवासी लक्ष्मीकांत शर्मा, राम मुरारी नारेडा ने बताया पहले इस रूट पर छह रोडवेज की बसें चला करती थी, जिसमें डेढ़ हजार से ढाई हजार यात्री रोजाना सफर किया करते थे, लेकिन कोरोना काल के बाद से इस रूट पर चार बसों को बंद कर दिया गया, कभी इस रूट पर एक तो कभी 2 बसें चलाई जा रही है। यात्री बस स्टैंड पर परेशान होते रहते हैं। खासकर महिलाओं व दिव्यांगों को समय पर रोडवेज की बस नहीं मिलने से सरकार के द्वारा मिलने वाली सुविधाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। समय पर रोडवेज की बस नहीं मिलने से मजबूरन टैक्सियों में दोगुना किराया देकर जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को मजबूर है।

केशरायपाटन बूंदी मार्ग पर मात्र एक बस
समाजसेवी त्रिलोक बाहेती ने बताया केशवरायपाटन से बूंदी के लिए रोडवेज की पहली बस सुबह 7:30 बजे, दूसरी बस 11:30, तीसरी बस 3:30, व बूंदी से केशवरायपाटन के लिए पहली बस सुबह 9:30 बजे दूसरी बस 1:30, तीसरी बस 5:30 बजे चलती है। इसके बाद में कोई साधन नहीं है। केशवरायपाटन बूंदी के बीच में 15 स्थान पर रुकती है। बस केशवरायपाटन, ईश्वर नगर, रंगपुरिया, नया गांव चितावा, सुवासा, लाडपुर चौराहा, शंभूपुरा चौराहा, बाजड, छपावदा, तीतर वासा चौराहा, जमीतपुरा, तालेड़ा, बरुंधन चौराया, गुमानपुरा कांटा, नमाना रोड, रामगंजबालाजी और बूंदी इस बस का स्टॉपेज है, जहां पर सवारियां बैठती है और उतरती है। बस स्टैंड पर यात्रियों के लिए छाया पानी की कहीं भी व्यवस्था नहीं हैं।

दो बार लगा चुके हैं ग्रामीण जाम
केशवरायपाटन बूंदी मार्ग पर समय पर रोडवेज की बसें नहीं आने से विद्यार्थी डेली अप डाउन करने वाले कर्मचारी, मजदूर, महिलाएं, दिव्यांग ज्यादा परेशान है। समस्या को लेकर छपावदा गांव में ग्रामीणों के द्वारा दो बार चक्का जाम किया जा चुका है। समस्या का समाधान नहीं हुआ तो तीसरी बार भी ग्रामीण चक्का जाम करेंगे।
नाथू लाल बैरवा, पंचायत प्रशासक, बाजड़

चालक नहीं है
बूंदी डिपो में कार्यरत 10 संविदा चालकों ने नौकरी छोड़ दी है। इसके कारण चालकों की कमी बनी हुई है, जिसके चलते चार रूटों की बसें बंद कर दी गई है, जिसमें केशवरायपाटन रूट भी शामिल है। नए चालक लगाना अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इनका चयन सरकार करती है। जैसे ही नये ड्राइवर आएंगे तो बंद पड़ी रूटों पर रोडवेज की बसें दुबारा चालू कर दी जाएगी।
घनश्याम शर्मा, मुख्य प्रबंधक, बूंदी आगार

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