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सौलह बांध, एक कर्मचारी भी नियुक्त नहीं, कैसे होगी नहरों की निगरानी

बांधों से नहरों में पानी छोड़ा जा रहा है। जबकि जल संसाधन विभाग के नैनवां उपखण्ड में बांधों से नहरों में पानी छोडऩे व नहरों की देखरेख तक के लिए कर्मचारी ही नहीं है। उपखण्ड में जलसंसाधन विभाग के पास पहले 9 बांध थे, पंचायतों के सात बांधों को भी जल संसाधन विभाग के लिए सुपुर्द कर दिए जाने से बांधों की संख्या बढक़र 16 हो गई।

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सौलह बांध, एक कर्मचारी भी नियुक्त नहीं, कैसे होगी नहरों की निगरानी

नैनवां. जल संसाधन विभाग का सहायक अभियंता कार्यालय।

नैनवां. बांधों से नहरों में पानी छोड़ा जा रहा है। जबकि जल संसाधन विभाग के नैनवां उपखण्ड में बांधों से नहरों में पानी छोडऩे व नहरों की देखरेख तक के लिए कर्मचारी ही नहीं है। उपखण्ड में जलसंसाधन विभाग के पास पहले 9 बांध थे, पंचायतों के सात बांधों को भी जल संसाधन विभाग के लिए सुपुर्द कर दिए जाने से बांधों की संख्या बढक़र 16 हो गई। जबकि विभाग के पास कर्मचारियों के नाम पर पूरे उपखण्ड में एक सहायक अभियंता व कनिष्ठ अभियंता ही नियुक्त है।

खाली होते गए पद
नहरों में पानी शुरू होते ही नहरों की रात-दिन निगरानी करनी होती है, जिसके लिए प्रत्येक बांध कम से कम तीन-तीन कर्मचारियों की आवश्यकता है। सात बांध और सुपुर्द हो जाने से तीन कनिष्ठ अभियंताओ की आवश्यकता है। बांधों का गेज तक देखने के लिए कर्मचारी नही है। जल संसाधन विभाग के नैनवां उपखण्ड में नौ बांधों की निगरानी के लिए 2018 तक 27 कर्मचारी (बेलदार) बांधों पर नियुक्त थे। सात वर्ष में ही सभी कर्मचारी सेवानिवृत हो जाने व विभाग द्वारा बेलदार के पद को समाप्त कर दिए जाने से कार्यालय में एक भी कर्मचारी नहीं बचा है। स्थिति यह हो गई कि एक ही कनिष्ठ अभियंता को ही 16 बांधों की देखरेख व निगरानी करनी पड़ी रही है।

उपखण्ड में इतने बांध
दुगारी, पाईबालापुरा, रोनिजा, गोठड़ा, मोतीपुरा, इंद्राणी, माछली, बंसोली, बटावदी के साथ ही पंचायतों से विभाग को सुपुर्द किए सात बांधों अन्नपूर्णा जजावर, खोडी, खानपुरा, देई गंगासागर, बांकया, ढाढोन व तलवास बांध भी जल संसाधन विभाग के अधीन हो गए।

127 किमी में फैला नहरी तंत्र
नैनवां उपखण्ड में सिंचाई के लिए स्थित नौ बांधों का नहरी व माइनरों का तंत्र 127 किमी में फैला हुआ है। जिसमे पाईबालापुरा के 18 किमी, दुगारी के सात किमी, गोठड़ा के 59 किमी, रुनिजा के साढ़े सात किमी, मोतीपुरा के 6 किमी, माछली के साढ़े सात किमी, बटावदी के 6 किमी, बंसोली के साढ़े 5 किमी,व इंद्राणी के 13 किमी लम्बा नहरी तंत्र बना हुआ है, जिसमे माइनरों की लम्बाई भी शामिल है। जिनमे जल प्रवाह के दौरान देखरेख करने वाला कोई नही है। नहरों व बांधों की निगरानी के लिए संविदा तक पर कर्मचारी रखने के लिए किसी भी हेड में कोई बजट नही है।

नौ बांधों के लिए 27 कर्मचारी चाहिए
जल संसाधन विभाग नैनवां के कनिष्ठ अभियंता लोकेश नागर का कहना है कि एक बांध व नहरी तंत्र की देखरेख के लिए कम से कम तीन कर्मचारी होने चाहिए। नौ बांधों के लिए 27 कर्मचारी चाहिए। अब पंचायतों के सात बांध और सुपुर्द हो गए, जिनको सम्भालना पड़ेगा।