प्रदेश के सरकारी स्कूल में अध्ययनरत कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थी के लिए शिक्षा विभाग ने अनूठी पहल की है। नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली बच्चों को अब विधानसभा में राजनीति की गणित सीखते हुए नजर आएंगे। प्रदेश के 18 हजार 798 स्कूलों में यह अभियान चलेगा
प्रदेश के 18 हजार 798 स्कूलों में चलेगा विशेष अभियान,
छात्रों की अभिव्यक्ति क्षमता को बढ़ाने की पहल
नई शिक्षा नीति: बच्चे मॉक विधानसभा में करेंगे प्रतिनिधित्व
बूंदी. प्रदेश के सरकारी स्कूल में अध्ययनरत कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थी के लिए शिक्षा विभाग ने अनूठी पहल की है। नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली बच्चों को अब विधानसभा में राजनीति की गणित सीखते हुए नजर आएंगे। प्रदेश के 18 हजार 798 स्कूलों में यह अभियान चलेगा, जिसमें विद्यार्थियों को रोजगार व कार्य कौशल का प्रशिक्षण मिलेगा। विद्यार्थियों को राजस्थान विधानसभा में ले जाकर कार्यवाही लाइव दिखाई जाएगी। इससे वह राजनीति और देश की विधायिका के बारे में समझ सकेंगे। इस संबंध में राज्य परियोजना निदेशक एवं आयुक्त ने आदेश जारी किया है। विद्यार्थियों में 21वीं सदी के कौशल विकास व सशक्तीकरण के लिए प्रबल (प्रॉब्लम टू रिकॉग्नाइज एबिलिटीज एंड बिल्डअप एडप्टिव लाइफ स्किल) कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें 14 थीम पर आधारित गतिविधियां संचालित की जाएगी। कार्यक्रम के लिए शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वहीं गतिविधियों के लिए 140.99 लाख रुपए का बजट जारी किया गया है। अक्टूबर माह तक जिला स्तर से चयनित विद्यार्थी मॉक ड्रिल के लिए विधानसभा तक जाएंगे।
हर जिले से चार विद्यार्थी जाएंगे
प्रबल गतिविधियों के तहत वरीयता के आधार पर एक छात्र व एक छात्रा का चयन प्रति स्कूल और बाद में ब्लॉक स्तर से करते हुए जिला स्तर पर दो-दो छात्र व छात्राओं का चयन मॉक विधानसभा के लिए किया जाएगा। यह विद्यार्थी राज्य स्तर पर आयोजित विधानसभा में अपने जिलों व स्कूलों का प्रतिनिधित्व करते हुए अपनी समझ व कौशल का प्रदर्शन करेंगे। विद्यार्थियों के चयन के लिए स्कूल से राज्य स्तर तक की अलग-अलग टीम गठित की गई हैं।
यह है उद्देश्य
यह होगी 14 तरह की गतिविधियां
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की की ओर से जारी दिशा निर्देश के अनुसार कार्यक्रम के तहत स्कूल, ब्लॉक व जिला स्तर पर 14 थीम पर आधारित गतिविधियां होगी। इनमें जीवन जीने के लिए कौशल के तहत स्वजागरूकता, संप्रेषण, अंतरव्येक्ति, संबंध, टीमवर्क, समालोचनात्मक चिंतन, समस्या समाधान, रचनात्मक चिंतन, जुझारुपन, नेतृत्व कौशल, नागरिकता कौशल, नैतिक मूल्य के कौशल संबंधी गतिविधियां होगी। इसी तरह रोजगार कौशल में वित्तीय साक्षरता और डिजिटल साक्षरता तथा सतत विकास के कौशल में जलवायु परिवर्तन संबंधी गतिविधियां करवाई जाएगी।
पीढिय़ा लाभदायक होगी
विद्यार्थियों में कौशल विकास एवं नैतिक मूल्य को बढ़ाने में प्रबल कार्यक्रम नई शिक्षा नीति के अंतर्गत एक अच्छी पहल है। जिससे विद्यार्थियों के व्यक्तित्व के साथ-साथ क्षमताओं में वृद्धि होगी सतत पोषणीय विकास की अवधारणा के साथ आगामी पीढिय़ां के लिए लाभदायक सिद्ध होगा।
दलीप सिंह गुर्जर,एडीपीसी समग्र शिक्षा,बूंदी