जैन समाज के 20वीं सदी के प्रथमाचार्य चारित्र चक्रवर्ती शांतिसागर महाराज के आचार्य पद प्रतिष्ठापन समापन समारोह के अवसर पर यहां देवपुरा बघेरवाल छात्रावास के शांतिसागर सभा मंडपम में शनिवार को दूसरे दिन भी विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुए।
बूंदी. जैन समाज के 20वीं सदी के प्रथमाचार्य चारित्र चक्रवर्ती शांतिसागर महाराज के आचार्य पद प्रतिष्ठापन समापन समारोह के अवसर पर यहां देवपुरा बघेरवाल छात्रावास के शांतिसागर सभा मंडपम में शनिवार को दूसरे दिन भी विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुए। दीप प्रज्वलन व चित्र अनावरण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
चातुर्मास व्यवस्था समिति के मंत्री दिनेश बोरखण्डिया ने बताया कि शांतिसागर महाराज का चित्र अनावरण अलोद, खटकड़ व बूंदी का गोठड़ा, महाराजश्री का चरण प्रक्षालन बोरावर, झांकला, सिंगोली एवं शास्त्र दान खटकड़, अलोद, बूंदी का गोठड़ा, गेंडोली से आए भक्तजनों ने किया। संगीतमय धुन के साथ शहर के विभिन्न कॉलोनी व बाहर से आए धर्मावलम्बीयों ने भक्ति पूर्वक अर्घ्य चढ़ाए। महाआरती मेवाड़ प्रांत से आए चांदमल ठग सहित समाजबंधुओं ने की।
चातुर्मास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष पदम बरमुण्डा व उप संयोजक सुरेश कोटिया ने बताया कि अभिलाषा, लोकेश जैन, मीनाक्षी, अभिषेक जैन ने अपने विचार व्यक्त किए। चातुर्मास व्यवस्था समिति के कोषाध्यक्ष जंबू जैन ने बताया कि मंगलाचरण देवपुरा जैन पाठशाला की बालिकाओं ने किया। संचालन कोटा से आई प्रमिला जैन ने किया। संगीतकार आयुष जैन ने संगीतमय भजनों के बीच पूजन कराई। ब्र. मनीष भैया ने भी आचार्य शांतिसागर के उत्तर भारत के विहार पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर बघेरवाल प्रांत के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेन्द्र हरसोरा, दिनेश कोटिया, राजेन्द्र सामरिया ने भी विचार व्यक्त किए।