रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व अभयारण्य से सटी सीमा के निकट मुण्डली गांव के निकट रात के अंधेरे में पेड़ों पर बैठे पक्षियों का शिकार किया जा रहा है।
भण्डेड़ा. रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व अभयारण्य से सटी सीमा के निकट मुण्डली गांव के निकट रात के अंधेरे में पेड़ों पर बैठे पक्षियों का शिकार किया जा रहा है। रविवार रात्रि को आठ राष्ट्रीय पक्षियों का अलग-अलग जगहों पर शिकार करके ले गए। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने संबंधित विभाग के खिलाफ आक्रोश जताया है।
जानकारी अनुसार आरवीटीआर से सटी हुई सीमा में मुण्डली गांव के पास के खेतों के पेडो पर रात्रि के समय राष्ट्रीय पक्षियों का शिकार किया गया है। सोमवार सुबह कई जगहों पर मोर पंख व कुछ अवशेष नजर आए। सूचना पर किसान खेतों पर पहुंचे तो अलग-अलग जगहों पर राष्ट्रीय पक्षियों के अवशेष मिले।
ग्रामीण राजूलाल चौपदार, हरिप्रकाश धोबी, बंटी सैन, महेशराम मीणा, बन्टी मीणा, राजेश गुर्जर, राजूलाल मीणा, हजारी लाल गुर्जर आदि ने बताया मुण्डली गांव के निकट सगस महाराज के मन्दिर के पास पेड़ के नीचे दो मोर व भगवान देवनारायण चबूतरे के पास दो मोर के अवशेष नजर आए है। पप्पू लाल धोबी के खेतों में दो जगहों पर मोर के अवशेष मिले है।
हजारीलाल गुर्जर के खेत की मेढ़ पर बंबूल के पेड के नीचे एक राष्ट्रीय पक्षी मोर के अवशेष मिले है। एक अन्य जगह पर भी मृत पक्षियों के अवशेष मिले हैं। लगभग आठ मोर को शिकारियों ने निशाना बनाया है। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में रात होते ही शिकारी सक्रिय हो जाते है, जो पेडों पर बैठे राष्ट्रीय पक्षियों का शिकार करके ले जा रहे है। घटनास्थल से 100 मीटर दूर ही अभयारण्य की सीमा है।
जानकारी मिली है, स्टॉफ को मौके पर भेजा है। ग्रामीणों के बताई जगहों पर तलाश की है। पक्षियों के अवशेष मिले हैं। क्षेत्र में गश्त बढा दी जाएगी। इस तरह शिकार करते मिलेंगे, तो जरूर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
जितेंद्र सिंह वर्मा, रेंजर, रामगढ विषधारी टाइगर रिजर्व चौकी जैतपुर