बूंदी

किसानों ने मिट्टी डालकर मांगली नदी पर बनाया वैकल्पिक मार्ग

क्षेत्र के कराड़ का बरधा गांव के किसानों और ग्रामीणों ने बरसात के बाद मांगली नदी पर लगातार तीसरी बार ड्रम डालकर जेसीबी की मदद से मिट्टी डालकर आवागमन शुरू किया है।

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Nov 20, 2025
रामगंजबालाजी. मांगली नदी पर खेतों में जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग तैयार करते किसान।

रामगंजबालाजी. क्षेत्र के कराड़ का बरधा गांव के किसानों और ग्रामीणों ने बरसात के बाद मांगली नदी पर लगातार तीसरी बार ड्रम डालकर जेसीबी की मदद से मिट्टी डालकर आवागमन शुरू किया है।

कराड का बरधा के ग्रामीणों तुलसीराम नागर, पप्पू जाट, अर्जुन जाट, रामचरण नागर, हरिराम गुर्जर, सोनू मेघवाल, मेघराज नागर, रमेश जाट, मांगीलाल जाट, नरेश मेघवाल ने बताया कि वर्षों से मांगली नंदी पर पुलिया निर्माण की मांग करते आ रहा है।

पुलिया निर्माण नहीं होने पर बूंदी मुख्यालय एवं 3 किलोमीटर पर स्थित कुंवारती कृषि मंडी का सीधा जुड़ाव नहीं हो पा रहा था। साथ ही कुछ किसानों के खेत दुसरी तरफ होने उनको कई किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करके अपने खेतों में जाना पड़ता है। हर साल एक से दो लाख रुपए एकत्रित करके ड्रम डालकर मिट्टी का वैकल्पिक मार्ग बनाने पर रुपए खर्च करते हैं।

इस साल तीसरी बार बनाई पुलिया
इस साल बरसात के बाद किसानों ने एक लाख की उगाई करके दो बार नदी पर वैकल्पिक पुलिया निर्माण करवाया। बेमौसम बरसात होने पर मांगली नदी के बहाव के साथ ही दो बार पुलिया बह गई। आखिरकार तीसरी बार फिर से मांगली नदी के बीचोंबीच जेसीबी की मदद से पुलिया बनाई। यहां पक्की पुलिया निर्माण हो तो कृषि उपज मंडी एवं बूंदी मुयालय और खेतों तक सीधा मार्ग ग्रामीणों और किसानों को मिलेगा। कई किसानों को खेतों तक जाने के लिए जान जोखिम में डालकर नदी को पार करना पड़ता है।

जनप्रतिनिधियों ने नहीं दिया ध्यान
आशाराम, पन्नालाल, महावीर, भेरूलाल, शिवराज, राम, महावीर, लोकेश आदि ने बताया कि गांव में आने पर सभी प्रतिनिधियों व अधिकारियों को समस्या से कई बार अवगत करा कर ज्ञापन भी दिए गए, लेकिन किसी ने भी समस्या का निराकरण करवाने की पहल तक नहीं की, ऐसे में स्थानीय स्तर पर ही वैकल्पिक मार्ग बनाया जाता है।

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