कस्बे सहित आस पास के गाव पापड़ी, जाड़ला, बंसवाडा, काकरामेज, करीरिया, पाली, पीपल्दा थाग, सामरा, नयागांव आदि गावों में दो पहले हुई तेज बारिश के चलते नालों खालों उफान आने से खेतों में पानी भरने से खरीफ की फसल उड़द, मक्का, सोयाबीन, तिल्ली आदि फसलें खेतों में पानी भरने से जलमग्न हो गई।
बड़ाखेड़ा. कस्बे सहित आस पास के गाव पापड़ी, जाड़ला, बंसवाडा, काकरामेज, करीरिया, पाली, पीपल्दा थाग, सामरा, नयागांव आदि गावों में दो पहले हुई तेज बारिश के चलते नालों खालों उफान आने से खेतों में पानी भरने से खरीफ की फसल उड़द, मक्का, सोयाबीन, तिल्ली आदि फसलें खेतों में पानी भरने से जलमग्न हो गई। खेतों में पानी भरने से पानी को निकासी का रास्ता नहीं मिलने पर मंगलवार को खेतों में इंजन चला कर खेत का पानी बहकर निकालने में किसान जुटे रहे। खेतों में अधिक पानी भरने से फसलों को नुकसान हुआ है।
देई. कस्बे सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में हुई बरसात से फसलों में नुकसान हुआ है। किसानों ने फसलों का सर्वे करवाकर बीमा व सरकार से उचित मुआवजा दिलाने की मांग की है। बरसात से उड़द,सोयाबीन,मक्का,सोयाबीन,मुंगफली,पशुओं के चारे सहित अन्य फसलों मे नुकसान की संभावना है। कई खेतों में पानी भरने से नुकसान ज्यादा होने की संभावना बनी हुई है। क्षेत्र के पीपल्या, डोकून, जैतपुर, मोडसा, कोलाहेडा, भजनेरी, गुढासदावर्तिया गुढादेवजी पंचायतों सहित क्षेत्र के गांवों में नुकसान की संभावना है। चीता की झौंपडिया निवासी किसान मायाराम मीना ने बताया कि गांव की नालिया अवरूद्ध होने से उनके खेत मे आठ बीघा फसल पानी में डूब गई।मामले से पीडब्ल्यूडी व राजस्व विभाग को अवगत करवाया है। जीवनपुरा में पानी भरने से किसान मायाराम मीणा,रामेश्वर,केसरीलाल सहित अन्य किसानों की फसलें पानी में डूब गई।
नोताडा. बारिश से देईखेडा के रास्ते देवनारायण बाग के निकट डगारिया डिस्ट्रीब्यूटरी के किनारे के खेतों में धान की फसल डूब गई। वहीं डांगाहेडी गांव में जगदीश गुर्जर का कच्चा मकान ढह गया। रघुनाथपुरा के निकट लुल्लरी खाळ में उफान के बाद दुसरे दिन पानी उतरने के बाद पुलिया पर फिर गड्डे नजर आऐ, जिसकी वजह से हादसे का अंदेशा बन गया ।
डांगाहेडी -लबान मार्ग रहा बंद
उधर क्षेत्र के लबान से डांगाहेडी होकर बूंदी -लाखेरी मार्ग को जोड़ने वाली सड़क पर पचीपला की पुलिया पर दुसरे दिन भी जलस्तर बढ़ा हुआ नजर आया। पुलिया जलमग्न रहने से यहां पर भी आवागमन बाधित रहा।खेतों के पानी का निकास होने से खेडीयां खाळ भी उफान पर रहा, जिसके चलते क्षेत्र के दर्जनों गांवों के राहगीरों को बूंदी जाने के लिए लाखेरी या पाटन होकर निकलना पड़ा।