कस्बे में शनिवार को भगवान श्री रामचंद्र जी मंदिर पर तीन दिवसीय अभिषेक व शिव परिवार प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के तहत कलश यात्रा निकाली गई। सकल पंच नागर धाकड़ समाज के तत्वावधान में कलश यात्रा कुंडी घाट बालाजी से शुरू हुई जो केशव चौक, मुख्य बाजार, धाकड़ मोहल्ला होती हुई श्री रामचंद्र जी मंदिर पर पर विसर्जित हुई।
करवर. कस्बे में शनिवार को भगवान श्री रामचंद्र जी मंदिर पर तीन दिवसीय अभिषेक व शिव परिवार प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के तहत कलश यात्रा निकाली गई। सकल पंच नागर धाकड़ समाज के तत्वावधान में कलश यात्रा कुंडी घाट बालाजी से शुरू हुई जो केशव चौक, मुख्य बाजार, धाकड़ मोहल्ला होती हुई श्री रामचंद्र जी मंदिर पर पर विसर्जित हुई। कलश यात्रा में महिलाएं कलश धारण किए चल रही थी। पुरुष भगवान के जयकारे लगाते चल रहे थे। आगे घुड़सवार ध्वज पताका लिए चल रहे थे। कलश यात्रा में आस पास के गांवो के समाज बंधु मौजूद थे। रविवार को भजन संध्या तथा सोमवार को भगवान का अभिषेक व शिव परिवार की प्राण प्रतिष्ठा होगी।
समय रहते गलती में सुधार व प्रायश्चित करना जरूरी
डाबी. ग्राम राजपुरा के चामुंडा माता मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में पं. शिवलहरी गौत्तम ने कथा वाचन करते हुए कहा कि मनुष्य से गलती हो जाना बड़ी बात नहीं, लेकिन ऐसा होने पर समय रहते सुधार और प्रायश्चित करना जरूरी है। ऐसा नहीं हुआ तो गलती पाप की श्रेणी में आ जाती है। कथा वाचक ने पांडवों के जीवन में होने वाली श्रीकृष्ण की कृपा को बड़े ही सुंदर ढंग से दर्शाया। कहा कि परीक्षित कलयुग के प्रभाव के कारण ऋषि से श्रापित हो जाते हैं। उसी के पश्चाताप में वह शुक्रदेव के पास जाते हैं। भक्ति एक ऐसा उत्तम निवेश है, जो जीवन में परेशानियों का उत्तम समाधान देती है। साथ ही जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करती है। द्वापर युग में धर्मराज युधिष्ठिर ने सूर्यदेव की उपासना कर अक्षयपात्र की प्राप्ति की। हमारे पूर्वजों ने सदैव पृथ्वी का पूजन व रक्षण किया। इसके बदले प्रकृति ने मानव का रक्षण किया। भागवत के श्रोता के अंदर जिज्ञासा और श्रद्धा होनी चाहिए।