बूंदी

भगवान केशव की पंचकोसी परिक्रमा 31 को, पथरीली राह करेंगे श्रद्धालु पार

केशवरायपाटन. भगवान केशव की अक्षय नवमी पर होने वाली पंचकोसी परिक्रमा का श्रद्धालुओं को साल भर से इंतजार रहता है। साल में एक बार निकलने वाली परिक्रमा में हाड़ौती के शहर, गांवों व महानगरों से स्नानार्थी जुटते हैं।

2 min read
Oct 30, 2025
केशवरायपाटन. भगवान केशव मंदिर का विहंगम दृश्य।

केशवरायपाटन. भगवान केशव की अक्षय नवमी पर होने वाली पंचकोसी परिक्रमा का श्रद्धालुओं को साल भर से इंतजार रहता है। साल में एक बार निकलने वाली परिक्रमा में हाड़ौती के शहर, गांवों व महानगरों से स्नानार्थी जुटते हैं। इस बार शुक्रवार को होने वाली परिक्रमा को लेकर लोगों में उत्साह बना हुआ है। पंचकोसी परिक्रमा समिति, नगरपालिका व शहर के धार्मिक संगठन परिक्रमा को यादगार बनाने में लगे हुए हैं। यह परिक्रमा भगवान केशव की मंगला आरती के बाद केशव घाट से शुरू की जाएगी। जयकारों के बीच शुरू होने वाली यह परिक्रमा चम्बल नदी किनारे होती हुई राजराजेश्वर महादेव मंदिर, पटपडेश्वर महादेव से पटोलिया होती हुई काली देवरी, वराह भगवान मंदिर से धर्मराय जी बावड़ी से चामुंडा माता के दर्शन कर मात्रा हनुमान मंदिर पर प्रथम विश्राम लेती है। यहां से माधोराजपुरा गांव के पास स्वेत वाहन महादेव मंदिर से खेतों में राम-लक्ष्मण की नीमडी की परिक्रमा कर चम्बल नदी के बीच जम्बूद्वीप महादेव के दर्शन के बाद करकरा भैरव होती हुईं शाम को केशव मंदिर पर पहुंच कर समाप्त होगी।

कच्चे रास्ते बनेंगे परेशानी का कारण
नगर पालिका व जिला प्रशासन भगवान केशव की पंचकोसी परिक्रमा का सीमा ज्ञान तक नहीं करवा पाया है। श्रद्धालुओं को पगदंडियों से होकर गुजरना पड़ता है। लम्बे समय से श्रद्धालु परिक्रमा मार्ग को पक्का करवाने व अतिक्रमण को हटाने की मांग करते आ रहे हैं लेकिन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहे हैं। परिक्रमा पर की जगह तो निकलने का रास्ते तंग कर रखे हैं। पैदल निकलने में भी परेशानी उठानी पड़ती है।

श्रद्धालुओं को होगी परेशानी
भगवान श्रीहरि के भक्त मध्यप्रदेश (मांडू प्रदेश) के राजा रंतिदेव ने भगवान केशव के प्रकटीकरण के बाद कार्तिक महोत्सव आयोजित किया था। कार्तिक अक्षय नवमी पर राजा ने यहां श्रद्धालुओं व परिजनों के साथ पंचकोसी परिक्रमा लगाई जब से यह निरन्तर चलती आ रही है। पहले जंगल था, उसी में पंचकोसी परिक्रमा का रास्ता निकलता था। कालान्तर में जमीन उपजाऊ होने पर खेती में बदलने से परिक्रमा मार्ग लुप्त हो गया। अभी भी परिक्रमा मार्ग का आधा हिस्सा उबड़-खाबड़ व कच्चा होने से श्रद्धालुओं को परेशानी उठानी पड़ती है।

Published on:
30 Oct 2025 12:29 pm
Also Read
View All

अगली खबर