स्टेट हाइवे संख्या 29 उनियारा-बिजौलियां मार्ग पर खटकड़ से बिजौलियां के बीच बने तीन नाकों पर जल्दी ही फास्टैग से टोल की वसूली होगी। अभी यहां नकद के रूप में टोल वसूला जा रहा है।
गुढ़ानाथावतान. स्टेट हाइवे संख्या 29 उनियारा-बिजौलियां मार्ग पर खटकड़ से बिजौलियां के बीच बने तीन नाकों पर जल्दी ही फास्टैग से टोल की वसूली होगी। अभी यहां नकद के रूप में टोल वसूला जा रहा है। इन तीनों टोल पर अब फास्टैग से टोल लेने की तैयारी शुरू कर दी है। तीनों जगह टेङ्क्षस्टग चालू हो गई है। जल्दी ही बूंदी से बिजौलियां व खटकड़ की तरफ जाने वाले वाहनों का टोल टैक्स फास्टैग से कटने लगेगा।
करीब पांच साल पहले गिट्टी और सीमेंट से बनकर तैयार हुआ यह राज्यमार्ग बूंदी के लिए महत्वपूर्ण है। इस मार्ग पर प्रतिदिन हजारों वाहन गुजरते हैं। बूंदी से दक्षिण दिशा में भीलवाड़ा, चित्तौडगढ़़, उदयपुर तथा उत्तर दिशा में नैनवां, लाखेरी, इंद्रगढ़, सवाईमाधोपुर, टोंक, उनियारा के लिए प्रमुख मार्ग है। फास्टैग की सुविधा उपलब्ध होने से वाहन चालकों के समय की बचत होगी तथा टोल नाकों पर खुले पैसों की समस्या से भी निजात मिलेगी।
टोल नाकों पर सुविधाओं की कमी
फास्टैग सुविधा शुरू करने के साथ ही टोल नाकों पर सुविधाएं उपलब्ध कराने की भी आवश्यकता है। सुविधाओं एवं देखरेख के अभाव में 5 साल पहले बनी सडक़ पर दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है। तीनों टोल नाकों पर गुजरने वाले वाहनों को टोल देना पड़ रहा है, लेकिन वाहनों से सफर करने वाले राहगीरों के लिए किसी भी टोल पर शौचालय तक की सुविधा उपलब्ध नहीं है। बूंदी से खटकड़ की तरफ 10 किलोमीटर पर गणपतपुरा टोल है वहीं बिजौलियां की तरफ दौलतपुरा व भोपातपुरा में दो टोल नाके है। इन दोनों टोल नाकों की दूरी करीब 25 किलोमीटर है। पहले बिजोलिया की तरफ जाने वाले वाहनों से किसी एक टोल पर ही टोल टैक्स वसूला जाता था, लेकिन अब दरें कम करके दोनों जगह पैसा लिया जा रहा है।
लगाए थे 5 हजार पौधे, आधे भी नहीं चले
स्टेट हाइवे निर्माण के दौरान बीच में आए पेड़ों को काटा गया था। इनकी जगह करीब 5 हजार पौधे लगाने थे। सडक़ निर्माण कंपनी ने ईंटों के ट्रीगार्ड बनाकर पौधे लगाए, लेकिन आधे से ज्यादा पौधे देखरेख के अभाव में सूख गए। कुछ पौधे आस-पास के किसानों व ग्रामीणों की देखरेख से चल गए, जो अब पेड़ बनने को है। टोल प्लाजा पर एक भी पौधा नहीं चल पाया, जबकि यहां 24 घंटे कर्मचारी तैनात रहते है तथा पानी की व्यवस्था है। पेड़ पौधे नहीं होने से राहगीरों को परेशानी होती है।
सुरक्षित नहीं है बूंदी-बिजौलियां मार्ग
बूंदी से बिजौलियां तक सडक़ मार्ग अनदेखी के चलते दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहा है। सडक़ के दोनों ओर अंग्रेजी बंबूल उगे हैं। कई जगह सडक़ पर गड्ढे हो गए है। 50 किलोमीटर रोड पर दो टोल के माध्यम से वाहन चालकों से पैसा वसूला जा रहा है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। दोनों टोल प्लाजा पर महिलाओं के लिए शौचालय तक की सुविधाएं नहीं है। छाया पानी के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। रोड की साइड में मिट्टी नीचे बैठ गई है। कई जगह बीच की दरार बढ़ गई है, जिससे दुपहिया वाहन चालक गिरकर चोटिल हो रहे है। हालांकि कंपनी ने सडक़ के टूटे भाग की मरम्मत कुछ दिन पहले कराई थी, लेकिन फिर भी गड्ढे पूरे नहीं भरे गए हैं। रात के समय मवेशियों के झुंड सडक़ को घेरकर बैठे रहते है, जिससे कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी है। मृत मवेशियों को भी रोड से हटाने की व्यवस्था नहीं है, जो दुर्घटना का कारण बन सकते हैं।
बूंदी जिले में स्टेट हाइवे-29 के तीनों टोल नाकों पर फास्टैग के उपकरण लग चुके हैं तथा टेङ्क्षस्टग चल रही है। यात्रियों की सुविधाओं के लिए टोल नाकों पर शौचालय निर्माण के प्रस्ताव भिजवा दिए हैं। टूटी सडक़ की मरम्मत व साइडों की सफाई भी जल्दी कराएंगे।
विपिन सोलंकी,मैनेजर टोल नाका दौलतपुरा बूंदी