
कापरेन. अस्पताल में पर्ची काउंटर पर इलाज से पहले पर्चियां लेते रोगी।
कापरेन. शहर के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार के लिए आने वाले रोगियों को पर्ची काउंटर पर कतारों में खड़े होकर रोगी परामर्श पर्ची के लिए इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में कई बार काफी समय लग जाता है। समस्या को देखते हुए अस्पताल में नवाचार कर क्यू आर कोड के जरिये बिना कतार में लगे पर्ची कटवाने की व्यवस्था की जा रही है, जिससे रोगियों को सुविधा मिलने, कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करने की समस्या से निजात मिलने की उम्मीद है।
वहीं क्यू आर कोड से मिलने वाले टोकन नम्बर पर देखने का समय व चिकित्सक के बारे में भी जानकारी उपलब्ध रहेगी। अस्पताल प्रभारी ने बताया कि नवाचार से अस्पताल में आने वाले रोगियों को लाभ मिलेगा। रोगियों को अस्पताल आने और कतार में लगने की जरूरत नहीं होगी। बिना आधार कार्ड के रोगी ईमित्र केंद्र अथवा मोबाइल के जरिये आभा एप के माध्यम से क्यू आर कोड स्कैन कर टोकन कटवा सकते हैं। बाद में पर्ची काउंटर पर टोकन नम्बर बता कर पर्ची कटवा सकते हैं।
जल्द शुरू होगा नवाचार
अस्पताल प्रभारी जगदीश प्रसाद मीणा ने बताया कि अस्पताल में क्यू आर कोड स्केन कर टोकन कटवाने की व्यवस्था जल्द शुरू होगी। इसको लेकर तैयारियां की जा रही है। तकनीकी जरूरतों को पूरा करने का कार्य शुरू हो चुका है। पर्ची काउन्टर पर क्यू आर कोड चस्पा किए जाने है। क्यूआर कोड की सुविधा आभा एप के माध्यम से ही उपलब्ध होगी। आभा एप के जरिये क्यूआर कोड को स्कैन करने पर टोकन नम्बर प्राप्त होगा।
साथ ही चिकित्सक कक्ष व अन्य जानकारिया मिलेगी। रोगी को अस्पताल आकर पर्ची काउंटर पर टोकन दिखाने पर बिना किसी अन्य औपचारिकता के पर्ची मिल जाएगी। इससे रोगियों को कतार में लगने और अपनी बारी का इंतजार करने की समस्या से निजात मिलेगी। चिकित्सालय प्रभारी ने बताया कि इंटिग्रेट हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम द्वारा यह नवाचार करवाया जा रहा है।
पर्ची काउंटर पर लगती है लम्बी कतार
अस्पताल में आने वाले रोगियों का कहना है कि अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले रोगियों को कई बार भीड़ अधिक होने से लंबा इंतजार करना पड़ता है। रोगी को इलाज से पहले कतार में लगना पड़ता है। अस्पताल में तीन पर्ची काउंटर होने के बावजूद आउटडोर रोगियों की भीड़ रहती है। रोगी के साथ आने वाले तीमारदारों को भी परेशानी होती है।
शहरवासियों का कहना है कि कापरेन अस्पताल में आसपास के कई गांवो का जुड़ाव है। वही दूरदराज के गांवो के रोगी भी इलाज करवाने आते हैं। अस्पताल में सामान्य दिनों में छह सौ का आउटडोर रहता है। वही मौसमी बीमारियों के दौरान आठ सौ से एक हजार तक रोगी आते हैं। जिसे देखते हुए अस्पताल में नवाचार होना चाहिए और रोगियों को सुविधा बढऩी चाहिए।
Published on:
24 Dec 2025 07:59 pm
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