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रामगढ़ विषधारी में शिकारी सक्रिय, फिर फंदे में फंसी मादा पैंथर

रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बफर जोन में एक बार फिर शिकारियों की करतूत सामने आई है। जिले की हिण्डोली रेंज में डाटुन्दा माताजी से कालदां माताजी के रास्ते में शिकारियों द्वारा लगाए गए फंदे में एक डेढ़ वर्षीय मादा शावक फंस गई।

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रामगढ़ विषधारी में शिकारी सक्रिय, फिर फंदे में फंसी मादा पैंथर

बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बफर जोन में बुधवार को फंदे में फंसी मादा पैंथर।

बूंदी. रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बफर जोन में एक बार फिर शिकारियों की करतूत सामने आई है। जिले की हिण्डोली रेंज में डाटुन्दा माताजी से कालदां माताजी के रास्ते में शिकारियों द्वारा लगाए गए फंदे में एक डेढ़ वर्षीय मादा शावक फंस गई।

बुधवार सुबह जब ग्रामीणों को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने वन विभाग को सूचना दी। फंदे में पैंथर के फंसे होने की सूचना मिलने पर वन विभाग बूंदी से सहायक वन संरक्षक सुनील धाबाई,हिण्डोली रेंजर शिव प्रकाश चौधरी, नाका प्रभारी राजेश शर्मा एवं अन्य स्टाफ मौके पर पहुंचे तथा पैंथर के रेस्क्यू के लिए मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के रेस्क्यू दल को बुलाया गया। दोपहर बाद रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची तथा डॉ. तेजेन्द्र सिंह रियाड़ ने ट्रेंकुलाइज कर पैंथर का रेस्क्यू कर इसके उपचार के लिए कोटा चिडिय़ाघर भेजा है।

दो भागों में बंटी सुरक्षा
राज्य में चौथे टाइगर रिजर्व के रूप में तीन साल पहले अस्तित्व में आए रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बाघ-बघेरों सहित अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा टाइगर रिजर्व के दो भागों में बंटे प्रशासनिक नियंत्रण के चलते खतरे में है। 1501 वर्ग किलोमीटर में बने इस टाइगर रिजर्व का 634 वर्ग किलोमीटर का महत्वपूर्ण जंगल प्रादेशिक वन खण्ड के नियंत्रण में आता है और शेष 867 वर्ग किलोमीटर टाइगर रिजर्व के कोर उपवन संरक्षक के कार्य क्षेत्र का भाग है। दोहरे प्रशासनिक नियंत्रण के चलते टाइगर रिजर्व में आने वाले 634 वर्ग किलोमीटर के बफर जोन में बाघों व तेंदुओं के अनुकूल कॉरिडोर विकसित करने का काम गति नहीं पकड़ पाया है। शहर से भीमलत महादेव, कलदां व बसोली क्षेत्र के जंगल का 634 वर्ग किलोमीटर का जंगल बूंदी वन मंडल उपवन संरक्षक के अधीन आते है, जो टाइगर रिजर्व का महत्वपूर्ण इसे कॉरिडोर है।

अभियान चलाएंगे
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बफर जोन को भी बाघों के अनुकूल बनाने के प्रयास कर रहे हैं और जल्दी ही इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर भेजी जाएगी। कालदां सहित पूरे वन मंडल वन क्षेत्र में वन्यजीवों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और जल्दी ही शिकारियों को पकडऩे के लिए अभियान चलाया जाएगा।
आलोक नाथ गुप्ता, उपवन संरक्षक, रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व, बफर जोन, बूंदी