जिले का परिवहन विभाग इन दिनों दो डीटीओ के चलते सुर्खियों में बना हुआ है। एक सरकार के आदेश पर तो दूसरा न्यायालय के आदेश पर काबिज है। ऐसे में परिवहन विभाग के कर्मचारियों के साथ कलक्ट्रेट में भी एक कुर्सी पर दो डीटीओ को लेकर चर्चा आम है।
बूंदी. जिले का परिवहन विभाग इन दिनों दो डीटीओ के चलते सुर्खियों में बना हुआ है। एक सरकार के आदेश पर तो दूसरा न्यायालय के आदेश पर काबिज है। ऐसे में परिवहन विभाग के कर्मचारियों के साथ कलक्ट्रेट में भी एक कुर्सी पर दो डीटीओ को लेकर चर्चा आम है। जबकि आलम यह है कि रिक्त पदों के चलते पूरा जिला एक परिवहन निरीक्षक के भरोसे चल रहा है, जिसके चलते ऑफिस के अलावा सडक़ों पर ओवरलोडि़ंग वाहनों पर कार्रवाई नगण्य है। यहीं नहीं बाबूओं की भी विभाग में कमी बनी हुई है। मुख्यालय को लिखने के बाद भी अब तक रिक्त पदों की पूरी नहीं हो पाई है। सिर्फ दो बाबू कार्यरत हैं, उनके भी ट्रांसफर हो चुके है। ऐसे में दो डीटीओ और एक इंस्पेक्टर के सहारे पूरा परिवहन विभाग चल रहा है।
जानकारी अनुसार कार्मिक विभाग ने बूंदी के जिला परिवहन अधिकारी रजनीश विद्यार्थी को (सवाईमाधोपुर डीटीओ रहते हुए) विभागीय जांच के चलते निलंबित करने के बाद उनके स्थान पर जयपुर से सौम्या शर्मा को जिला परिवहन के अधिकारी के पद पर लगाया था। कुछ दिन बाद न्यायालय से स्टे लेने के बाद रजनीश विद्यार्थी वापस आ गए और जिला परिवहन अधिकारी सौम्या के छुट्टी पर होने के चलते जिला परिवहन कार्यालय का कार्यभार संभाल लिया। सौम्या के छुट्टी से लौटने के बाद दोनों अधिकारी एक ही चेंबर में आमने-सामने बैठते है। ऐसे में कर्मचारियों में भी असमंजस बना हुआ है कि आखिर आदेश किसका माने।
प्रशासनिक अधिकारियों में भी चर्चा का विषय
प्रशासनिक अधिकारियों में भी दो डीटीओ को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है। देखने में आया है कि कलक्ट्रेट में होने वाली मीङ्क्षटग में भी दोनों अधिकारी साथ ही नजर आते है। ऐसे में अब दोनों ही अधिकारी सरकार के आदेश की प्रतीक्षा में है।
स्टॉफ की कमी से जूझ रहा विभाग
वर्तमान में परिवहन विभाग के पास केवल एक ही फील्ड इंस्पेक्टर कार्यरत है, जिसको ऑफिस के कार्यों के अलावा फिल्ड में भी वाहनों की जांच करनी है। वैसे विभाग के पास दो परिवहन निरीक्षक और पांच अतिरिक्त परिवहन निरीक्षक के पद स्वीकृत हैं। एक ही इंस्पेक्टर होने के कारण रोड पर ओवरलोड वाहनों की चेङ्क्षकग बंद है। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। इंस्पेक्टर हंसराज मीणा का ट्रांसफर बारां हो जाने से उन्हें रिलिव कर दिया गया। अब आलम यह है कि पूरा जिला एक इंस्पेक्टर धर्मपाल गुर्जर के सहारे चल रहा है। ऑफिस के कार्य व रोड के कार्य बाधित है। उडऩ दस्ते रोड पर चैङ्क्षकग के बजाय ऑफिस में खड़े रहते है।
इनका कहना है
जिले में एक इंस्पेक्टर होने के कारण ओवरलोड व अवैध वाहनों की चैङ्क्षकग का अभियान के साथ कार्यालय का काम ठप पड़ा हुआ है। इससे आमजन को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जल्द इंस्पेक्टर के पदों को भरा जाना चाहिए।
नितेश शर्मा, अध्यक्ष, सडक़ सुरक्षा समिति, बूंदी
सरकार के स्तर का मामला है। उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है।
मनीष शर्मा, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, कोटा