राजस्थान रोडवेज के कर्मचारियों के लिए नया नियम लागू होने के बाद अब तीन हजार किलोमीटर बस चलाने पर ही वेतन मिलेगा। इस नियम के लागू होने के बाद कई अनफिट कार्मिकों के लिए यह गले की फांस बन गया है।
बूंदी. राजस्थान रोडवेज के कर्मचारियों के लिए नया नियम लागू होने के बाद अब तीन हजार किलोमीटर बस चलाने पर ही वेतन मिलेगा। इस नियम के लागू होने के बाद कई अनफिट कार्मिकों के लिए यह गले की फांस बन गया है। प्रदेशभर में अनफिट कार्मिकों का फिर से मेडिकल कराया जाएगा और इसके बाद ही तय होगा कि वे रूट पर बस चलाएंगे या कार्यालय में सेवाएं देंगे। बूंदी डिपो में कुल 19 कार्मिक अनफिट पाए गए हैं। मुख्यालय की ओर से इन कार्मिकों को जयपुर के सवाई मानङ्क्षसह चिकित्सालय में मेडिकल कराने के लिए समय मांगा गया है। समय मिलने के बाद उनका मेडिकल कराया जाएगा। इसके बाद ही उनके रूट पर चलने या कार्यालय में कार्य देने का निर्णय लिया जाएगा।
यह था आदेश
हाल ही में निगम की ओर से एक आदेश जारी कर चालक-परिचालकों को हर माह तीन हजार किलोमीटर बस पर चलने के बाद ही वेतन दिया जाने की बात कही गई है। ऐसे में प्रदेश में सभी डिपो में चालक-परिचालकों को महीने में कम से कम तीन हजार किलोमीटर निर्धारित रूट पर बस चलाना चालकों को अनिवार्य किया गया है।
मिलेगी राहत
बूंदी डिपो में परिचालक के रूप में सेवा देने के लिए 22 सिविल डिफेंस जवान को अनुमति दी गई है। इनमें से सभी ने कार्यभार संभाल लिया है और रूट पर चलने लगे हैं। इससे परिचालकों को भी राहत मिलेगी।
हर सप्ताह लगेगा शिविर
अनफिट कार्मिकों का प्रशिक्षण कार्य जयपुर के एसएमएस में शुरू हो गया है। पहले जयपुर शहर के डिपो के कार्मिकों का मेडिकल टेस्ट होगा, इसके बाद सप्ताहवार अन्य डिपो
के अनफिट कार्मिकों का मेडिकल कराया जाएगा। इसके बाद ही तय होगा कि कौन रूट पर बस चलाएगा और कौन कार्यालय में कार्य करेगा।
यह मिलेगा फायदा
ऑफिस में बैठे चालक-परिचालकों को रूट पर चलने से जिम्मेदारी तय होगी।
परिचालकों में कार्यभार की समानता होगी।
अवकाश वितरण में सुविधा होगी।
डिपो के लक्ष्य किलोमीटर में वृद्धि हो सकेगी।
रोडवेज की आय बढ़ेगी।
बूंदी डिपो की स्थिति
कुल बसें: 50
रोडवेज ड्राइवर: 65
एजेंसी ड्राइवर: 37
मेडिकल अनफिट ड्राइवर: 19
रूट के लिए उपलब्ध: 83
कंडक्टर: 41
बस सारथी: 14
सिविल डिफेंस: 22
19 चालकों का होगा मेडिकल
निगम की ओर से नए नियम के तहत मेडिकल अनफिट कार्मिकों का मेडिकल फिर से मुख्यालय की ओर से जयपुर के एसएमएस में कराया जाएगा। मेडिकल होने के बाद ही इनके आगे की राह तय होगी।
घनश्याम गौड़, मुख्य प्रबंधक, बूंदी डिपो।