बूंदी

चित्रकारों ने कूची से कैनवास पर बूंदी के इतिहास और स्थापत्य कला को किया जीवंत

बूंदी महोत्सव की धूम के बीच सोमवार का दिन कला और संस्कृति के नाम रहा।

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Nov 11, 2025
बूंदी के सुखमहल में बनाई गई पेंटिंग देखते जिला कलक्टर।

बूंदी. बूंदी महोत्सव की धूम के बीच सोमवार का दिन कला और संस्कृति के नाम रहा। ऐतिहासिक जैतसागर झील के किनारे स्थित मनोरम सुखमहल परिसर कलाकारों के रंगों से सराबोर हो गया। कैनवास पेंटिंग प्रदर्शनी में प्रदर्शित चित्रों ने विदेशी और देशी सैलानियों को आकर्षित किया। प्रदर्शनी में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए चित्रकारों ने अपनी कूची से बूंदी के गौरवशाली इतिहास और स्थापत्य को कैनवास पर संजीव कर दिया।

प्रदर्शनी में बूंदी के ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों, स्मारकों और हवेलियों के चित्रों के साथ-साथ विश्व प्रसिद्ध बूंदी व किशनगढ़ शैली की लघु चित्रकला से प्रेरित आधुनिक कृतियों को भी प्रदर्शित किया गया। कलाकारों ने विविध विषयों पर अपनी कल्पना के रंग भरकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला कलक्टर अक्षय गोदारा ने किया। कलक्टर ने एक-एक चित्र का बारीकी से अवलोकन किया।

इस अवसर पर जिला कलक्टर ने प्रदर्शनी में शिरकत करने वाले विभिन्न जिलों के कलाकारों तथा स्थानीय चित्रकारों को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया। अतिरिक्त जिला कलक्टर रामकिशोर मीणा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद रवि वर्मा व उपखंड अधिकारी लक्ष्मीकांत मीणा मंचासीन रहे।

इन्होंने उकेरा बूंदी की कलाकृतियां
कैनवास प्रदर्शनी में विभिन्न जिलों से आए के.जी. कदम, अनुराग मेहता, इकबाल हुसैन, विजय कुमावत, मुकेश शर्मा, दुर्गेश अटल, निर्मल यादव, के.के. कुंद्रा, संत कुमार विश्नोई, महेश कुमावत सहित बूंदी के स्थानीय कलाकारों द्वारा बनाई गई कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया।

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