बूंदी

शिकारियों के फंदे में फंसा पैंथर, हुआ घायल

क्षेत्र के ग्राम खीण्या के निकट काला कुआं के पास रविवार शाम को एक पैंथर का पैर फांदी ( शिकारियों द्वारा रखे जाने वाला लोहे का फंदा) में फंसने से जख्मी हो गया। पैंथर का पैर फंसने की एक पुलिसकर्मी द्वारा वन विभाग को सूचना दी गई, जिस पर वन विभाग के अधिकारी टीम मौके पर पहुंचे एवं कोटा से रेस्क्यू टीम बुलाकर पैंथर को ट्रेंकुलाइज कर कोटा वाइल्ड लाइफ भिजवाया गया।

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Dec 16, 2025
हिण्डोली. फांदी में फंसा पैथर।

हिण्डोली. क्षेत्र के ग्राम खीण्या के निकट काला कुआं के पास रविवार शाम को एक पैंथर का पैर फांदी ( शिकारियों द्वारा रखे जाने वाला लोहे का फंदा) में फंसने से जख्मी हो गया। पैंथर का पैर फंसने की एक पुलिसकर्मी द्वारा वन विभाग को सूचना दी गई, जिस पर वन विभाग के अधिकारी टीम मौके पर पहुंचे एवं कोटा से रेस्क्यू टीम बुलाकर पैंथर को ट्रेंकुलाइज कर कोटा वाइल्ड लाइफ भिजवाया गया।

जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत खीण्या के आसपास घना जंगल है, यहां पर काफी संख्या में पैंथर, सूअर, हरिण सहित अन्य वन्य जीव विचरण करते हैं। गत दिनों से कुछ लोगों ने वन्य जीव के शिकार के लिए खेत के पास तार की फांदी लगा रखी थी। शाम छह बजे वहां से क्रॉस करते समय फांदी में पैंथर का पैर फंस गया, जिससे वह तड़पता रहा एवं दहाड़ मारता रहा। रात नौ बजे खीण्या चौकी का एक कांस्टेबल उधर से गुजर रहा था उसने पैंथर की आवाज सुनी तो पास में गया। उसने देखा कि पैंथर का पैर फांदी में फंसा हुआ है, जिस पर उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी। हिण्डोली रेंजर शिवप्रकाश चौधरी, एसीएफ सुनील मय टीम मौके पर पहुंचे और कोटा से रेस्क्यू टीम बुलाई गई। पैंथर को ट्रेंकुलाइज कर उसका प्राथमिक उपचार किया गया। बाद में पैंथर को कोटा वाइल्डलाइफ में भिजवा दिया गया है।

यह होती है फांदी
शिकारी जंगल में शिकार करने के लिए लोहे के तार को एक स्प्रिंग में फंसाकर जंगल या खेत की मेड़ पर रख देते है। जब कोई जानवर वहां से गुजरता है तो उसका पैर पड़ते ही स्प्रिंग हटकर उसका पैर फंदे में फंस जाता एवं शिकारी उसे आसानी से पकड़ लेता है।

बसोली रेंज जल्दी हो चालू
वन विभाग के आधिकारिक सूत्रों का मानना है कि खेराड़ क्षेत्र में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए बसोली रेंज जल्दी से जल्दी शुरू होनी चाहिए। राज्य सरकार द्वारा बसोली के निकट 12 लाख रुपए की लागत से भवन निर्माण करवा दिया गया है, लेकिन यहां पर स्टाफ नहीं लगाने से 2 वर्ष से रेंज भवन बंद पड़ा है। सूत्रों का कहना है कि बसोली रेंज चालू होने पर खेराड क्षेत्र के जंगलों में स्थित दर्जनों पैंथर, सूअर, हरिण सहित के वन्यजीवों की सुरक्षा मिल सकेगी। वर्तमान में किसी प्रकार की घटना होने पर अधिकारियों को हिण्डोली या नैनवां से यहां आना पड़ता है, जिन्हें काफी समय लग जाता है। यदि बसौली में रेंज स्थापित हो जाएगी तो उन्हें मौके पर जाने में कम समय लगेगा।

खेराड़ क्षेत्र में वन्यजीवों को रहता है खतरा
खेराड़ क्षेत्र के घने जंगल में काफी संख्या में वन्य जीव है।। ऐसे में शिकारी रात को खेतों या जंगल में फांदी डाल देते हैं, जिसमें सूअर, हरिण सहित कई पशु चपेट में आ जाते हैं, लेकिन शनिवार रात को पैंथर फंस गया। जानकार सूत्रों की माने तो यहां पर पहले भी कहीं वन्यजीव फांदी में फंस चुके थे।

Published on:
16 Dec 2025 11:46 am
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