बूंदी

किसानों का बरसात ने बिगाड़ा बुवाई का गणित

अक्टूबर माह के अंत तक बरसात ने किसानों का फसल बुवाई का गणित बिगाड़ दिया है।

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Dec 06, 2025
नोताडा.एक खेत में बुवाई करता किसान

नोताडा. अक्टूबर माह के अंत तक बरसात ने किसानों का फसल बुवाई का गणित बिगाड़ दिया है। इस बार देरी से बुवाई का किसानों की उपज पर भी असर पडऩे की सम्भावना बढ़ गई है। किसानों ने बताया के वैसे तो गेहूं की बुवाई का सही समय 15 अक्टूबर से 20 नवम्बर के बीच होता है वहीं आदर्श समय 5 नवम्बर से 15 नवम्बर के बीच माना जाता है। लेकिन अक्टूबर के अंतिम समय में हुई बरसात के कारण खेतों में खड़ी धान की फसल भी नहीं कट पाई थी। बाद में जब खेत सूखे तो लोगों के धान खेतों से निकाल कर खेत खाली किए गए। फिर मौसम बदलाव के साथ ही धूप का असर कम होने से खेत जल्द बुवाई के लिए तैयार नहीं हो पाए।

ऐसे में इस बार 15 नवम्बर के बाद तो इस बार बुवाई ही शुरू हो पाई है। अब तक भी किसान खेतों में हंकाई व बुवाई के कार्य में जुटे हुए हैं अभी भी 20 प्रतिशत खेतों में बुवाई होना बाकी है। ऐसे में 15 नवम्बर के बाद बुवाई की जा रही। वहीं चने की बुवाई भी इस बार लेट ही हुई है, जिसकी चने की फसल बुवाई का उत्तम समय अक्टूबर के पहले पखवाड़े से नवम्बर के पहले पखवाड़े तक माना जाता है। वहीं देरी से बुवाई के कारण पौधों का विकास घट जाता है,सूखा रोग बढऩे का खतरा बढ़ जाता है जड़ें ठीक से विकसित नहीं हो पाती।

देरी तो हो रही है खेत खाली भी नहीं छोड़ सकते
किसानों ने बताया की अब जाकर खेत बुवाई के लिए तैयार होते जा रहे वैसे ही फसलों की बुवाई करते जा रहे हैं। खेतों को खाली भी नहीं छोड़ सकते। अब तो देरी से ही सही लेकिन खेत खाली तो नहीं छोड़ सकते बुवाई करनी पड़ रही है।

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