प्रशासन ने मंगलवार को कार्रवाई करते हुए उपखण्ड के दुगारी ग्राम पंचायत के दौलतपुरा की 108 बीघा चरागाह भूमि से अतिक्रमण हटाकर चरागाह को भूमि को दुगारी ग्राम पंचायत के सुपुर्द कर दिया। तीन जेसीबी मशीनों व पांच ट्रैक्टरों से चरागाह भूमि पर हो रही अतिक्रमियों की सरसों की फसल को उखाड़ दिया।
नैनवां. प्रशासन ने मंगलवार को कार्रवाई करते हुए उपखण्ड के दुगारी ग्राम पंचायत के दौलतपुरा की 108 बीघा चरागाह भूमि से अतिक्रमण हटाकर चरागाह को भूमि को दुगारी ग्राम पंचायत के सुपुर्द कर दिया। तीन जेसीबी मशीनों व पांच ट्रैक्टरों से चरागाह भूमि पर हो रही अतिक्रमियों की सरसों की फसल को उखाड़ दिया। चरागाह से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन तीन बार तिथियां बदलता आ रहा था। प्रशासनिक अमले के साथ चौथी बार तय तिथि पर अतिक्रमण हटाने में सफलता मिली। अतिक्रमण हटाने के दौरान प्रशासन को विरोध का भी सामना करना पड़ा। पुलिस ने विरोध करने आई महिलाओं को समझाना पड़ा और लगातार कार्रवाई जारी रखी। अतिक्रमण हटाने की पांच घण्टे तक कार्रवाई चली।
यह अधिकारी पहुंचे कार्रवाई करने
तहसीलदार रामराय मीणा, नायब तहसीलदार रामभजन मीणा, नैनवां थानाधिकारी कमलेश शर्मा, देई थानाधिकारी रामेश्वर जाट, करवर थानाधिकारी मुकेश यादव, दुगारी ग्राम पंचायत के प्रशासक रामलाल खींची, ग्राम विकास अधिकारी बाबूलाल कारपेंटर, बांसी व जजावर के कानूनगो, जजावर, सादेडा, सिसोला, बांसी, दुगारी, बालापुरा, कालमाल, डोकुन, खानपुरा के पटवारियों की टीम व लाइन पुलिस से आया जाप्ता मौजूद रहा।
ग्राम पंचायत को सौंपी
तहसीलदार रामराय मीणा ने बताया कि चरागाह की 108 बीघा भूमि पर अतिक्रमण की शिकायत मिली थी। भूमि पर सरसों की फसल हो रही थी। फसल को हटाकर चरागाह को अतिक्रमण मुक्त करवाकर भूमि को दुगारी ग्राम पंचायत के प्रशासक रामलाल खींची व ग्राम विकास अधिकारी बाबूलाल कारपेंटर को सुपुर्द कर दिया।
पूर्व में तीन बार जारी हुए आदेश
दुगारी ग्राम पंचायत की चरागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन बार-बार तिथियां बदलता रहा है। अब प्रशासन ने चौथी बार आदेश जारी कर चरागाह को अतिक्रमण मुक्त कराया। चरागाह भूमि पर नरेगा योजना में डोलबंदी करने के लिए 90 लाख रुपए की राशि स्वीकृत है। प्रशासन द्वारा अतिक्रमण नही हटाए जाने से कार्य शुरू नही पा रहा था। प्रशासन ने पहली बार 3 जून को आदेश जारी कर 10 जून को भूमि का सीमाज्ञान कर अतिक्रमण हटाने की तिथि तय करके राजस्व विभाग के पांच कार्मिकों की टीम गठित भी की गई। लेकिन उस दिन न सीमाज्ञान किया और न ही अतिक्रमण हटाया। उसके बाद उपखण्ड अधिकारी ने 16 जुलाई को 17 व 18 जुलाई को अतिक्रमण हटाने की तिथि तय करके पुलिस उपाधीक्षक को पुलिस जाप्ता उपलब्ध कराने को लिखते हुए तहसीलदार को मौका मजिस्ट्रेट नियुक्त कर नायब तहसीलदार देई, दो कानूनगो व आठ पटवारियों की टीम गठित की गई। लेकिन उस दिन भी प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नही की गई। फिर उपखण्ड अधिकारी ने तीसरी बार 6 अक्टूबर को आदेश जारी कर अतिक्रमण हटाने के लिए 11 अक्टूबर की तिथि तय करके तहसीलदार को मौका मजिस्ट्रेट नियुक्त कर पुलिस उपाधीक्षक से पर्याप्त पुलिस जाप्ता उपलब्ध कराने व ग्राम पंचायत को पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने को लिखा गया। लेकिन इस दिन भी अतिक्रमण नहीं हट पाया था।
पांच घण्टे चली कार्रवाई
तीन जेसीबी व पांच ट्रैक्टरों के साथ सुबह 11 बजे चरागाह स्थल पर अतिक्रमण हटाने पहुंचे। पहले राजस्व कर्मियों की टीम ने चरागाह भूमि का सीमा ज्ञान किया उसके बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की। चरागाह भूमि पर अलग-अलग स्थानों पर सरसों की फसल होने से जेसीबी व ट्रैक्टर चलाकर फसल को उखाडक़र नष्ट करना शुरू किया। अतिक्रमियों ने फसल नष्ट करने की कार्रवाई का विरोध किया। महिलाएं विरोध करते हुए जेसीबी व ट्रैक्टरों के आड़े फिर गई और कारवाई का विरोध करने लगी। विरोध की स्थिति बनी तो महिला पुलिस कर्मियों व अधिकारियों ने महिलाओं को समझाकर जेसीबी व ट्रैक्टरों के आगे हटाकर विरोध के बीच अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी रखी। शाम
चार बजे तक कार्रवाई कर चरागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया।