सीएडी की नहरों में जल प्रवाह शुरू करने में एक माह का समय शेष है, लेकिन अब तक टेल क्षेत्र में वितरिकाओं की साफ-सफाई का कार्य अधूरा पड़ा है
खटकड़. सीएडी की नहरों में जल प्रवाह शुरू करने में एक माह का समय शेष है, लेकिन अब तक टेल क्षेत्र में वितरिकाओं की साफ-सफाई का कार्य अधूरा पड़ा है, जिससे जल प्रवाह शुरू करने के बाद टेल क्षेत्र तक पानी पहुंचना मुश्किल लग रहा है। टेल के रामपुरा, जखाना, मंडित्या, छावनियां, बीचडी, हणुतीया आदि वितरिकाओं और मशीनरी की हालत खराब है।
सभी ख्रपतवार से भरी पड़ी है। हर वर्ष अक्टूबर माह के मध्य नहर में जल प्रवाह शुरू किया जाता रहा है।हालांकि बरसात रुकने के बाद सीएडी विभाग ने समय रहते बूंदी ब्रांच सहित वितरिकाओं में मनरेगा के तहत श्रमिक लगाकर साफ-सफाई और जंगल कटिंग का कार्य शुरू कर दिया है, जिससे लोगों को समय पर टेल में पानी पहुंचने की उम्मीद दिखाई दी है, लेकिन अब बरसात नहीं होने पर धान की फसल के लिए पानी की मांग बढ़ने की संभावना बनी हुई है। सीएडी विभाग किसानों की मांग पर जल प्रवाह शुरू करता है तो टेल में पानी पहुंचना मुश्किल लग रहा है।
छह सौ मजदूर लगे है साफ-सफाई में
माटुंदा से खटकड़ टेल क्षेत्र तक लगभग आधा दर्जन ग्राम पंचायतों के लगभग छह सौ मनरेगा श्रमिक वितरिकाओं में साफ-सफाई और जंगल कटिंग कार्य कर रहे। सीएडी विभाग नहर में जल प्रवाह शुरू होने से पूर्व वितरिकाओं की साफ-सफाई कार्य को पूर्ण करने में जुटा है।
क्षतिग्रस्त नहरों में शुरू हुआ जल प्रवाह
लबान. क्षेत्र में हाल ही हुई बरसात के कारण कई स्थानों पर नहरों व माइनरों की दीवारें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। पूर्व संभागीय सचिव कमरुद्दीन मेव ने बताया कि किसानों ने अपने स्तर पर मिट्टी डालकर अस्थायी मरम्मत की और पानी को खेतों में जाने से रोका।
अब विभाग द्वारा नहरों व माइनरों में जल प्रवाह शुरू कर दिया गया है। ऐसे में बिना दीवारों की मरम्मत किए पानी छोड़े जाने से खेतों में जलभराव होने और किसानों की फसलें नष्ट होने की आशंका है। मेव ने विभाग से मांग की है कि जल प्रवाह शुरू करने से पहले नहरों की क्षतिग्रस्त दीवारों की मरम्मत व सफाई कार्य अनिवार्य रूप से कराया जाए, ताकि किसानों को नुकसान से बचाया जा सके
फिलहाल टेल में पानी की मांग नहीं है। नहर में जल प्रवाह शुरू करने से पूर्व वितरिकाओं ओर मुख्य केनाल में मनरेगा के श्रमिकों से साफ-सफाई और जंगल कटिंग कार्य करवाया जा रहा है। टेल की सभी पंचायतों से श्रमिकों की मांग की गई है। कुछ ग्राम पंचायतों को छोड़ सभी ग्राम पंचायतों के श्रमिक वितरिकाओं में कार्य कर रहे है। लगभग आधा दर्जन से भी अधिक ग्राम पंचायतों में छह सौ श्रमिक कार्य कर रहे है।
नाथू लाल, सहायक अभियंता, सीएडी, बूंदी