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जैविक उर्वरकों के उपयोग व जल संरक्षण पर दिया बल

राजकीय महाविद्यालय में महिला प्रकोष्ठ एवं नेचर क्लब के संयुक्त तत्वावधान में आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा द्वारा प्रस्तावित राजस्थान राज्य महिला नीति- 2021 एवं राजस्थान सरकार के दो वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मिशन लाइफ थीम कार्यक्रमों के तहत कृषि क्षेत्र में नूतन तकनीकों का अनुप्रयोग विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन हुआ।

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जैविक उर्वरकों के उपयोग व जल संरक्षण पर दिया बल

बूंदी. राजकीय महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते वक्ता।

बूंदी. राजकीय महाविद्यालय में महिला प्रकोष्ठ एवं नेचर क्लब के संयुक्त तत्वावधान में आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा द्वारा प्रस्तावित राजस्थान राज्य महिला नीति- 2021 एवं राजस्थान सरकार के दो वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मिशन लाइफ थीम कार्यक्रमों के तहत कृषि क्षेत्र में नूतन तकनीकों का अनुप्रयोग विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं वक्ता डॉ. दिनेश सिंह उप निदेशक, प्लांट पैथोलॉजी विभाग से थे।
डॉ. सिंह ने जैविक उर्वरकों के उपयोग, ऊर्जा की बचत, जल संरक्षण पर बल दिया। उनके अनुसार रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग से हरी शाक-सब्जी का सेवन घातक होता जा रहा है। साथ ही मिट्टी की उर्वरा क्षमता प्रभावित हो रही है। जलवायु परिवर्तन भी एक कारक है जो फसल चक्र को प्रभावित कर रहा है। तकनीकों को ग्रहण करने के साथ अपनी जड़ो से जुड़ा रहना भी आवश्यक है ।
कार्यक्रम की अध्यक्ष एवं महाविद्यालय प्राचार्य ने कहा कि कृषि प्राथमिक मानवीय व्यवसाय की श्रेणी में आता है। समय के साथ उतरोत्तर कृषि तकनीकों में व्यापक बदलाव आया है, जिससे ना केवल पैदावार में वृद्धि हुई, गुणात्मकता में भी सुधार हुआ किंतु वो स्वास्थ्य वर्धक भी रहे, यह अत्यंत आवश्यक है।
कार्यक्रम में सुपरवाइजर पवन गौतम भी उपस्थित रहे। जो अपने जीवन काल में एक लाख पौधे नि:शुल्क लगाने और संभालने के प्रति कृत संकल्प हैं। संचालन नेचर क्लब प्रभारी डॉ. रोहिणी माहेश्वरी ने किया। इस अवसर पर महिला प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. पूजा सक्सेना ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में डॉ. प्रतिभा किरण, डॉ. वंदना अकोडिय़ा, डॉ. हेमलता टांक डॉ. भारतेंदु गौतम, डॉ. सुनीता राठौड़, डॉ. वंदना शर्मा, डॉ. सीता गहलोत, राधेश्याम गुर्जर उपस्थित रहे।