मध्यप्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व की जिस बाघिन को रामगढ़ विषधारी में लाए जाने के लिए चिन्हित किया गया है। वह बाघिन तलाश में जुटी टीमों को लगातार चकमा दे रही है। पेंच के जंगलों में शनिवार को मध्यप्रदेश और कोटा की अलग-अलग टीमें लगातार हाथी दल, पैदल गश्त, कैमरा ट्रेपिंग से बाघिन को पकडऩे की कोशिश में जुटी रही, लेकिन सिर्फ एक झलक दिखाकर बाघिन जंगल में फिर गुम हो गई।
बूंदी. मध्यप्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व की जिस बाघिन को रामगढ़ विषधारी में लाए जाने के लिए चिन्हित किया गया है। वह बाघिन तलाश में जुटी टीमों को लगातार चकमा दे रही है। पेंच के जंगलों में शनिवार को मध्यप्रदेश और कोटा की अलग-अलग टीमें लगातार हाथी दल, पैदल गश्त, कैमरा ट्रेपिंग से बाघिन को पकडऩे की कोशिश में जुटी रही, लेकिन सिर्फ एक झलक दिखाकर बाघिन जंगल में फिर गुम हो गई।
पेंच टाइगर रिजर्व के जंगलों में वन्यप्राणी विशेषज्ञ डॉ. अखिलेश मिश्रा सहित दूसरे विशेषज्ञ और टाइगर रिजर्व के अधिकारियों की मौजूदगी में तलाशी अभियान दूसरे दिन भी सफल नहीं हो पाया। कैमरा ट्रैप खंगालेसुबह सबसे पहले जंगल में जहां-जहां कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं, उन कैमरे के रिकार्ड की जांच की गई, लेकिन कैमरा ट्रैप की सभी तस्वीरों में बाघिन की कोई नई गतिविधि नजर नहीं आई। इसके बाद पूरे इलाके अलग-अलग 10 से ज्यादा टीमों को लगाकर बाघिन के पगमार्क, संकेत और बाघिन के मूवमेंट के रास्तों की तलाश शुरू की गई।इसके साथ ही घने जंगलों और कठिन इलाके को खंगालने के लिए चार हाथी दल भी लगातार दूसरे दिन तलाश में जंगल में जुटे रहे। झाडिय़ों और ऐसी जगहों पर भी तलाश जा रहा है, जहां पैदल और वाहनों से नहीं पहुंच सकते, ताकि कोई भी जगह छूट न जाए। शनिवार को बाघिन एक जगह गश्ती दल को नजर आई, लेकिन उसको ट्रेंकुलाइज किया जाता, उससे पहले ही बाघिन घने जंगल में गुम हो गई। इस तरह पूरे दिन की मेहनत के बाद भी बाघिन का पता नहीं चला।
राजस्थान और मध्यप्रदेश की टीमों ने मिलकर पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी से एक बाघिन को बूंदी स्थित रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू की है। इसके लिए बाघिन को तलाशने ऑपरेशन सुबह छह बजे से शाम तक चला, लेकिन सफलता नहीं मिली है।
रजनीश सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी