कुंवारती कृषि उपज मंडी में दिसंबर माह में लगातार लदान को लेकर चल रही अव्यवस्थाओं में अब नया मोड आया है।
रामगंजबालाजी. कुंवारती कृषि उपज मंडी में दिसंबर माह में लगातार लदान को लेकर चल रही अव्यवस्थाओं में अब नया मोड आया है। अब किसानों ने भी सोमवार से मंडी में व्यापारियों द्वारा उतना ही माल खरीदने की अपील की है। जितने माल का लदान खरीद के बाद मंडी से करवा सके। भारतीय किसान संघ सहित अन्य संगठनों ने सोमवार से मंडी की व्यवस्थाएं सुचारू करवाने की मंडी सचिव से मांग की है। यदि मंडी में 8 दिसम्बर से व्यापारियों द्वारा खरीद किए गए माल का रोजाना का रोजाना लदान नहीं हो सका तो मजबूरन किसानों के साथ में कई संगठनों को मंडी की व्यवस्थाओं में सुधार को लेकर आंदोलन करना पड़ेगा। यदि मंडी प्रशासन द्वारा व्यवस्थाएं सुधारने में ना कामयाब रहे तो उसकी जिम्मेदारी संपूर्ण मंडी प्रशासन की होगी।
तीन दिन में बिक रहा माल
आसपास के क्षेत्र के गांवो से आने वाले किसानों व सबसे ज्यादा खराब स्थिति मध्य प्रदेश के किसानों की हैं। यहां मंडी में कई किसानों को लाइन में लगने के बाद में उनको उपज बेचकर जाने में 3 दिन का समय लग रहा है। कहीं किसानों की ट्रैक्टर ट्रॉली की लंबी लाइने लगने के बाद में उनका नंबर आते-आते मंडी गेट बंद कर दिया जाता है। उसके बाद में ऐसे किसानों को दूसरे दिन प्रवेश मिलता है। ऐसे में उनके माल की तीसरे दिन नीलामी होकर तुलाई होती है। इस पीड़ा को लेकर भी किसान बहुत चिंतित है।
मंडी का दूसरा गेट खोलने की मांग
वही मंडी में वाहनों के दबाव को लेकर खाली वाहनों की बाहर निकासी व व्यापारियों के ट्रैक्टर ट्रॉलियों को मंडी में कई घंटे तक लोडिंग हो जाने के बाद भी बाहर निकलने का इंतजार करना पड़ता है। मंडी की सडक़ों पर किसानों के खाली ट्रैक्टर ट्रोलियॉ व अन्य वाहन खड़े हो जाने के बाद में मंडी के व्यापारियों को भी माल लदान करवाने के बाद ट्रैक्टर ट्रोलियां भरने के बाद बाहर निकालने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से 2 साल पूर्व दूसरे गेट का निर्माण तो करवा दिया गया। लेकिन मंडी प्रशासन की उदासीनता के चलते दो वर्ष बाद भी उक्त गेट विधिवत रूप से चालू नहीं हो पाया। ऐसे में सभी वर्ग के लोगों ने उक्त गेट को खोलने की मांग की है। ताकि मंडी में जाम के हालात पैदा होने के बाद में उक्त गेट से वाहनों की निकासी की जा सके।