कस्बे के लोग यहां स्थित उपतहसील को तहसील के दर्जे के लिए 26 वर्ष से राह ताक रहे है, लेकिन अभी तक तहसील का दर्जा नहीं मिला है।
देई. कस्बे के लोग यहां स्थित उपतहसील को तहसील के दर्जे के लिए 26 वर्ष से राह ताक रहे है, लेकिन अभी तक तहसील का दर्जा नहीं मिला है। लबे समय से देई सहित आसपास के ग्रामीण देई को तहसील का दर्जा मिलने की आस लगाए बैठे है, लेकिन दर्जा नही मिलने से लोगो में रोष व्याप्त है। इस पर लोगों ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों व राजनीतिक दलों के पदाधिकारियो की उदासनीनता पर रोष प्रकट किया। जानकारी के अनुसार कस्बे में उपतहसील वर्ष 1999 में बनी थी। इतने वर्षो में सिर्फ उपतहसील का नया भवन बना है।
ऐसे में लोगों ने मुख्यमंत्री से देई को तहसील का दर्जा दिलाने की मांग उठाई है। वर्तमान मे उपतहसील में 8 पंचायतों के 13 पटवार मण्डल व पचास गांव शामिल है, जिनमें ग्राम पंचायत गुढादेवजी, कोलाहेडा, फूलेता, देई, भजनेरी, मोडसा, जैतपुर शामिल है। वहीं उपतहसील क्षेत्र मे डोकून पंचायत को भी शामिल करने की मांग की है।
यह होगा लाभ
तहसील बनने के बाद लोगों को जमीन कन्वर्ट,प्रमाण पत्र न्यायालय प्रकरण,गैर खातेदारी से खातेदारी व विभाजन के काम होगें। कस्बे में कृषि उपज मंडी होने से यहां रोजाना किसानों का आवागमन रहता है। ऐसे में किसानो की जमीन सबन्धी कामकाज भी यहां सपन्न होने से किसानों को राहत मिलेगी। इस बारे में कृषि उपज मंडी व्यापार मंडल अध्यक्ष राजकुमार जैन ने बताया कि कृषि मंडी में किसान अपनी जिंस बेचने के लिए आते है। ऐसे मे किसानो की जमीन से जुडे कामकाज भी यही होने से किसानों को राहत मिलेगी।
जिला परिषद सदस्य कन्हैयालाल मीना ने बताया कि बहुत लबे समय बाद भी दर्जा नहीं बढने से क्षेत्रवासियो को अपने कामकाज के लिए नैनवां जाना पडता है। मंडी होने से किसानों को काफी साहूलियत होगी। राज्य सरकार से तहसील के दर्जे के मांग उठाई जाएगी। कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष संजय गोयल ने बताया कि देई को उपतहसील से तहसील का दर्जा मिलने से देई सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के किसानो को जमीन समबन्धी कामकाज के लिए काफी आसानी होगी विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र भी आसानी से मिल जाएंगे।