Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana को 11 साल पूरे हो चुके हैं। यह दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन पहल बन गई है। 2025 तक देशभर में 56.16 करोड़ जन धन खाते खोले जा चुके हैं।
प्रधानमंत्री जन धन योजना को 11 साल पूरे हो चुके हैं। हर एक भारतीय को बैंकिंग सुविधाओं का फायदा मिले, इस उद्देश्य के साथ यह योजना शुरू की गई थी। 'जन धन' योजना की 11वीं वर्षगांठ पर पीएम मोदी ने कहा कि 'जन धन' योजना ने लोगों को अपना भाग्य खुद लिखने की शक्ति दी है। पीएम ने PMJDY को एक ऐसी पहल बताया है जिसने वित्तीय समावेशन को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाकर लोगों को सशक्त किया है।
'माय गवर्नमेंट इंडिया' के एक पोस्ट का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब समाज का सबसे निचला तबका आर्थिक रूप से जुड़ता है, तो पूरा देश एक साथ तरक्की करता है। उन्होंने इस योजना को "सम्मान बढ़ाने" और लोगों को "अपना भाग्य खुद लिखने की शक्ति" देने वाला बताया।
प्रधानमंत्री जन धन योजना को 28 अगस्त 2014 को शुरू किया गया था। यह दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन पहल बन गई है। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 13 अगस्त 2025 तक देशभर में 56.16 करोड़ जन धन खाते खोले जा चुके हैं। इन खातों में से 55.7% (31.31 करोड़) महिला खाताधारक हैं, जबकि 66.7% (37.48 करोड़) खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं।
इस योजना ने केवल खातों की संख्या ही नहीं बढ़ाई, बल्कि उनमें जमा राशि में भी रिकॉर्ड वृद्धि की है। जहां खातों की संख्या तीन गुना बढ़ी, वहीं कुल जमा राशि लगभग 12 गुना बढ़कर 2,67,756 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। 13 अगस्त 2025 तक, प्रति खाता औसत जमा राशि 4,768 रुपए हो गई है, जो अगस्त 2015 की तुलना में 3.7 गुना अधिक है। इसके अलावा, पीएमजेडीवाई खाताधारकों को 38.68 करोड़ रुपे कार्ड जारी किए गए हैं।
(आईएएनएस)